Diwali 2023: दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार को दीयों से सजाया जाता है। यही कारण है कि इसे दिवाली या दीपोत्सव भी कहा जाता है। दिवाली का त्योहार अब ज्यादा दूर नहीं है. दिवाली से पहले पूरे घर की अच्छे से सफाई की जाती है. ऐसे में कुछ चीजों को घर से बाहर कर देना चाहिए ताकि साधक को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके।
दिवाली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली (Diwali) कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। दिवाली की धूम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखने को मिलती है.
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दिवाली का यह त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। दिवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। इससे साधक और उसके परिवार पर देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
अगर आपके घर के मंदिर में भगवान की टूटी हुई या खंडित मूर्तियां हैं तो दिवाली से पहले उन्हें घर से जरूर हटा दें। वास्तु के अनुसार घर के मंदिर में ऐसी मूर्तियां रखना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसी मूर्तियों को किसी नदी या तालाब में विसर्जित कर देना चाहिए और उनके स्थान पर नई मूर्तियां स्थापित करनी चाहिए।
दिवाली के शुभ अवसर पर घर में टूटी हुई या खराब घड़ी भी नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि टूटी हुई या बंद घड़ी बुरे समय का सूचक मानी जाती है। इसके अलावा घर में टूटा हुआ शीशा रखना भी शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे में ऐसी चीजों को भी दिवाली (Diwali) से पहले घर से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए।
अगर आपके घर में कोई जंग लगी हुई लोहे की वस्तु पड़ी है तो उसे भी तुरंत बाहर कर देना चाहिए। क्योंकि इन चीजों को घर में रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही टूटे हुए या बेकार फर्नीचर जैसे टेबल, कुर्सी या मेज़ और घिसे-पिटे जूते-चप्पल को भी दिवाली (Diwali) से पहले घर से बाहर कर देना चाहिए।
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Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.