June 3, 2019 Blog

क्या आप जानना चाहते हैं विराट कोहली की सफलता का राज, तो पढें क्या कहती है उनकी कुंडली

BY : Dr. Meera Anand – Vedic Astrologer & Horoscope Specialist

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किसी भी व्यक्ति में मौजूद उसकी प्रतिभाएं उसके अभ्यास
, परिश्रम और कार्य-निष्ठा के कारण ही बेहतर होती हैं लेकिन व्यक्ति में उपस्थित विशेष प्रतिभा के पीछे उसकी कुंडली की ग्रहस्थिति की ही भूमिका होती है. वैसे तो विराट कोहली से पहले भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बहुत से खिलाड़ियों ने अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा है लेकिन वर्तमान में क्रिकेट के चमकते सितारे विराट कोहली की प्रतिभा भी कम नहीं है और अगर आप भी विराट कोहली और क्रिकेट के फैन हैं तो चलिए आज आपको बताते हैं कि विराट कोहली की कुंडली क्या कहती है.

विराट कोहली की कुंडली धनु लग्न और कन्या राशि की है जिसमे लग्नेश बृहस्पति छटे भाव में और लग्न में शनि की स्थित है. लग्न में शनि होना व्यक्ति को अनुशासित बनाता है और दूर द्रष्टा बनाता है. साथ ही वक्री होने से बृहस्पति की दृष्टि एकादश भाव में बैठे बुध पर पड़ती है जो विराट कोहली को अच्छी निर्णय क्षमता और कैचिंग पावर देता है. यह एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए बहुत आवश्यक है. विराट कोहली की कुंडली में पराक्रम भाव (तीसरा भाव) का स्वामी शनि लग्न में स्थित है. जिससे उनका पराक्रम भाव बहुत मजबूत हो गया है. साथ ही वहां राहु की उपस्थिति भी है, जिस कारण विराट कोहली का पराक्रम बहुत अच्छा है. तीसरा भाव मजबूत होने से विराट एक निडर, निर्भय व्यक्ति हैं और अपने कार्य क्षेत्र में बहुत कुशल हैं.

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कुंडली के तीसरे भाव का बलि होना उन्हें खेल में प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति देता है और प्रतिस्पर्धा में हमेशा आगे रखता है. विराट की कुंडली में स्पोर्ट्स में सफलता की योग्यता देने वाला ग्रह मंगल भी केंद्र में मित्र राशि में बैठा है जो उन्हें अपने खेल में विशेष प्रतिभा प्रदान कर रहा है. एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए आवश्यक जो ग्रहस्थितियां कुंडली में होनी चाहिए वह तो विराट कोहली की कुंडली में हैं ही लेकिन इतनी कम आयु में उन्हें जो यश, प्रसिद्धि, सफलता और विश्व स्तरीय पहचान मिली है वह भी उनकी कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रह-योगों के कारण ही है.

विराट की कुंडली में सूर्य का नीच राशि में होना पहली दृष्टि में तो बहुत कमजोर लगता है लेकिन यहां शुक्र केंद्र में होने से सूर्य का नीच भंग और नीचभंग राजयोग बन रहा है. साथ ही वक्री गुरु की शुभ दृष्टि भी सूर्य को बल दे रही है जो प्रसिद्धि के लिए बहुत अच्छा है. यहां पर एक विशेष योग और बन रहा है शुक्र नीच राशि में है पर यहां दशमेश बुध और लाभेश शुक्र का राशि परिवर्तन होने से शुक्र का नीच भंग हो रहा है और दशमेश लाभेश का राशि परिवर्तन व्यक्ति को उसके क्षेत्र में बहुत ऊंचाइयों तक ले जाता है तो इन कुछ विशेष ग्रह योगों ने विराट कोहली को इतनी बड़ी सफलताएं दी हैं.

इस वजह से विराट कोहली की कुंडली पहली दृष्टि में समान्य सी प्रतीत होती है लेकिन गहनता से अध्ययन करने पर विशेष ग्रहयोग स्पष्ट होते हैं. क्रिकेट में विराट कोहली के जिस दमदार प्रदर्शन और एग्रेशन के हम सब कायल है वह प्रतिभा उन्हें पराक्रम भाव (तीसरा भाव) मजबूत होने और वहां राहु होने और मंगल केंद्र में बलि होने के कारण मिली है.

वर्तमान में विराट कोहली की कुंडली में राहु की महादशा चल रही है जो सन 2010 से 2028 तक है और अंतर्दशा शनि की है जो 2015 से 2018 तक थी. राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा दोनों ही बहुत शुभ फल दे रहीं थी. राहु पराक्रम भाव में बैठ कर भाग्य स्थान को देख रहा था. राहु तीसरे भाव में अच्छा फल करता है इसलिए पराक्रम और भाग्य दोनों को बढ़ा रहा है 2018 तक चल रही शनि की अन्तर्दशा ने भी शुभ फल दिया.

अतः आगे आने वाला समय भी विराट कोहली के लिए अच्छा साबित होगा लेकिन गोचर को देखें तो अग्रिम समय में बनने वाली कुछ ग्रहस्थितियां विराट के लिए सोने पे सुहागा होंगी. जनवरी 2017 में वृश्चिक राशि में चल रहा शनि, धनु राशि में प्रवेश करेगा जो ढाई वर्ष तक धनु राशि में रहेगा. इससे विराट कोहली की कुंडली में धनु राशि में स्थित शनि सक्रिय हो जायेगा और विराट कोहली के लिए एक सुनहरा समय शुरू होगा. जिसमे इनकी प्रसिद्धि और सफलता और बढ़ेंगे और विराट कोहली अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक बड़ी पहचान बना पाएंगे.

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Author: Dr. Meera Anand – Vedic Astrologer & Horoscope Specialist

Dr. Meera Anand, a Vedic astrologer with 12+ years’ experience, delivers accurate weekly, monthly, and yearly forecasts, helping readers make confident life decisions with clarity and guidance.