May 28, 2019 Blog

पढ़ें, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कुंडली

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपलब्ध जन्मतिथि 22 अक्टूबर 1964 के मुताबिक उनकी चन्द्र कुन्डली है. जिसका ज्योतिषीय विश्लेषण आज हम आपको अपने इस लेख में बताने वाले हैं. वैसे यह तो सब ही जानते हैं कि अमित शाह का राजनीतिक कौशल प्रशंसनीय है और बीजेपी को 2014 में मिली जीत और 2019 में बीजेपी द्वारा बनाई गई योजनाओं में अमित शाह का विशेष योगदान है. साथ ही इस बार अमित शाह भी गुजरात की गांधी नगर सीट से मैदान में है. तो चलिए बिना देरी किए आपको बताते हैं कि क्या कहती है उनकी जन्म कुंडली.

मेष राशि के अमित शाह की चन्द्र लग्न के कारण 11 अक्टूबर 2018 से इनकी राशि मेष से गोचरीय ग्रह चाल में देवगुरु बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद नहीं है. लगभग एक वर्ष तक यानि एक वर्ष तक उनकी मेष लग्न की चन्द्र लग्न की कुंडली से उनके भाग्य का स्वामी देवगुरु बृहस्पति गोचरीय ग्रह चाल में 11 अक्टूबर 2018 से अष्टम भाव में स्थित हैं. कुंडली का सबसे ज्यादा अशुभ फल प्रदान करने वाले भाव के कारण लगभग एक वर्ष तक उनका भाग्य उनका साथ नहीं देगा.

उनकी बनाई हुई सारी रणनीति असफल हो जाएंगी. उन्हें मन से सहयोगियों का साथ प्राप्त नहीं होगा. पार्टी के बीच आंतरिक रूप से विरोधाभास भी इस एक वर्ष की अवधि के दौरान अमित शाह को महसूस होगा क्योंकि भारतीय जनता पार्टी जिसके कि वह वर्तमान में अध्य्क्ष हैं. उस पार्टी की राजयोगकारी महादशा भी अक्टूबर 2018 में खत्म हो चुकी है.

वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा राजयोग जो भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस की जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह की शक्तिशाली स्थिति के कारण वर्ष 2012 से प्राप्त हो रहा था पिछले 6 वर्षों से बना हुआ है. वह महाराजयोग पिछले साल अक्टूबर 2018 में खत्म हो गया है. शासन का कारक सूर्य ग्रह जो कि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना दिवस की जन्मकुंडली में सबसे अधिक शक्तिशाली स्थिति के भाव में स्थित था, उसका रहस्यमयी प्रभाव अक्टूबर 2018 से समाप्त हो गया है.

राहु अमित शाह की कुंडली में राजसत्ता के स्थान यानी दशम भाव में बैठा है और बुध दशमेश होकर धन स्थान में मजबूती से विराजमान है. अमित शाह की कुंडली में धन स्थान के स्वामी शुक्र और 12 वें घर के स्वामी सूर्य का भी स्थान परिवर्तन हो रहा है.
राहु में शुक्र की शुभ दशा में वर्ष 2017 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उनके नेतृत्व में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर आदि कई राज्यों में सरकार बनाने में सफलता हासिल की थी. शुक्र उनकी कुंडली में धनेश होकर 12वें घर में सूर्य के साथ स्थान परिवर्तन योग में शामिल है.

यह समय शाह के राजनीतिक करियर का चरमोत्कर्ष था. बाद में राहु में सूर्य की अशुभ दशा ने उनको  राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, कर्नाटक के विधानसभा चुनावों में साल 2018 में असफलता का स्वाद चखने पर विवश कर दिया. सूर्य उनकी जन्म कुंडली में नीच के मंगल की पाप दृष्टि से पीड़ित है.

लोकसभा चुनावों के समय राहु में सूर्य की दशा अमित शाह की कुंडली में 6 मई को समाप्त हो गई है जो उनके लिए राहत का संकेत है. अगली दशा राहु में चन्द्रमा की है जो चन्द्रमा के पक्षबल में बलवान होने और कुंडली में लाभ स्थान का स्वामी होने के कारण शुभ है. चन्द्रमा उनकी कुंडली में अष्टम भाव में होकर अष्टमेश मंगल के साथ स्थान परिवर्तन योग में है इस वजह से उनको यह सफलता बेहद आश्चर्यजनक और कुछ मुश्किल परिस्थितियों के बाद मिलेगी.

अष्टम में पड़े इस चन्द्रमा पर छठे घर में बैठे शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है जिसके प्रभाव से इस बार उनके नेतृत्व में बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में कम सीटें हासिल होने की संभावना है. राहु में चन्द्रमा की इस दशा में अमित शाह को भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए इस बार नए सहयोगियों को जोड़ना पड़ सकता है. चुनाव नतीजों के बाद अमित शाह की सक्रियता राजनीतिक पंडितों के लिए देखने लायक होगी.

यदि बीजेपी को 200 से भी कम लोकसभा सीट हासिल होती है तो भी अमित शाह नए सहयोगियों के बल पर अपनी पार्टी को फिर से केंद्र में सत्ता में वापस ला सकते हैं. ऐसा ज्योतिषीय संकेत उनकी कुंडली में चल रही राहु-चन्द्रमा की दशा दे रही हैं. अमित शाह गांधीनगर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने अपने नामांकन के लिए 30 मार्च को दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर कर्क लग्न में पर्चा भरा है.

यह एक बेहद चतुराई से चुना हुआ मुहूर्त है. जिसमें उनके जन्म लग्न से लाभ भाव की राशि कर्क उदय हो रही है. चन्द्रमा मुहूर्त कुंडली में मकर राशि में है जो उनके जन्म के मेष राशि के चन्द्रमा से दशम में होकर शुभता प्रदान कर रहा है. मुहूर्त कुंडली में नवम भाव में सूर्य और लाभ भाव में बैठे मंगल उनके एक प्रभावशाली चुनाव अभियान का संकेत देते हैं. अमित शाह की कुंडली में चल रही दशा और उनके चुनाव के नामांकन का शुभ मुहूर्त उनको अपनी सीट पर एक आसान जीत देने में मदद करेगा लेकिन बीजेपी के लिए सरकार बनाने में अपेक्षा से कम सीट जीतने पर उनको कुछ जुगत लगानी होगी.

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Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.