By: Deepika Dwivedi
ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक मानव जीवन पर ग्रह -नक्षत्रों का अहम प्रभाव पड़ता है। जब हमारे जीवन में खुशियां प्रवेश करती है तो भी ग्रहों के ही कारण होता है और जीवन में दुख आता है तो भी ग्रह-नक्षत्रों के कारण। पूरे बह्मांड में उपस्थित ग्रहों का प्रभाव संसार में उपस्थित प्रत्येक जीव-जन्तुओं पर पड़ता है। ग्रह-नक्षत्रों से ही मानव, जीव-जन्तुओं कि किस्मत तय होती है कि उनका जीवन कैसे और किस दिशा में आगे बढ़ेगा।
ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव ना सिर्फ ज्योतिषी विधा में स्पष्ट है बल्कि साइंस ने भी इस बात को सत्य रूप से माना है। ग्रह-नक्षत्रों कों विज्ञान भी परिभाषित करता है।
ग्रहों के दोषों के कारण ही जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और ग्रहों की शुभ स्थिति से जीवन बेहद ही प्रसन्नदायक भी होता है। चलिए बताते है आपकों नौ ग्रहों के नौ मंत्रों के बारे , जिसे आप प्रत्येक दिन अपने जीवन में अपनाकर या उन मन्त्रों का उच्चारण कर, और जाप कर अपने जीवन की परेशानियों को सुलझाया जा सकता है।
सूर्य सारे ग्रहों का राजा कहलाता है और मनुष्य की आत्मा। इसलिए यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपकों अपयश, ह्रदय रोग और हड्डियों की समस्या हो जाती है। इसलिए सूर्य को मजबूत बनाने के लिए और सूर्य की कृपा पाने के लिए सुबह और दोपहर में सूर्य के मंत्र का जाप करें।
सूर्य मन्त्र -ऊँ आदित्याय नम:
इस मन्त्र का जाप रूद्राक्ष या लाल चन्दन की माला से करें।
चन्द्रमा- यह ग्रहों का दूसरा राजा होता है। चन्द्रमा का कुंडली में कमजोर पाया जाना मतलब कि आप किसी मानसिक बिमारी का शिकार है और आपकों अस्थमा की समस्या भी होती है।
चन्द्रमा मन्त्र - ऊँ सों सोमाय: नम:
इस मन्त्र का जाप मोती या शंख की माला से उत्तम माना जाता है।
मंगल-
यह ग्रहों का सेनापति कहलाता है। मंगल प्रत्येक व्यक्ति का साहस होता है। मंगल के कमजोर होने से इंसान को भय, संपत्ति नुकसान और दुर्घटना हो सकती है। जेल जाने जैसी समस्या और रिश्तों में कडवाहट भी मंगल की कमजोर स्थिति प्रकट करती है।
मंगल मन्त्र – ऊं अं अंगारकाय नम:
इस मन्त्र का जाप लाल चन्दन की माला से करें।
बुध-
बुध ग्रहों का राजकुमार है और बुध ही व्यक्ति की वाणी और बुद्धि है। बुध के कमजोर होने पर बुद्धि, कान,नाक,गला और त्वचा और वाणी की समस्या होती है।बुध को अच्छे करने के लिए प्रात: काल बुध की पूजा करें और बुध के मन्त्र का जाप करें।
ऊँ बुं बुधाय नम:।
मंत्र जाप रूद्राक्ष की माला से करे तो सबसे उत्तम होता है।
बृहस्पति
बृहस्पति ग्रहों का गुरू और मंत्री का किरदार अदा करता है। बृहस्पति के कमजोर होने पर मोटापा, अहंकार और पेट की समस्या होती है। बृहस्पति कमजोर हो तो अधर्म का मार्ग मिलता है। बृहस्पति की मजबूती के लिए प्रात: काल बृहस्पति के इस मन्त्र का जाप करना चाहिए।
मन्त्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नम:
इस मंत्र का जाप हल्दी की माला से करना बेहतर है।
शुक्र ग्रह
यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र कमज़ोर हो तो धन, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों में परेशानियां आती है। शुक्र सभी ग्रहों का मंत्री है, व्यक्ति के सुख के पीछे यही ग्रह होता है। यदि शुक्र कमजोर स्थिति में स्थिति में रहता है तो उस जातक को परिवारिक सुख और कोई भी सुख नही मिलता है।
मन्त्र- "ॐ शुं शुक्राय नमः"
शनि ग्रह –
शनि ग्रह इस पृथ्वी पर उपस्थित सभी प्राणियों के लिए अहम योगदान अदा करता है। शनि ग्रहों का सेवक होता है। इंसान के कर्मों का फल प्रदान करने वाला शनिदेव ही है। यदि किसी जातक की कुंडली में शनि कमजोर होता है तो उस व्यक्ति को रोजगार की समस्या होती है। और जीवन में हर क़दम-क़दम पर संघर्ष करना पड़ता है।
ऊँ शं श्नैश्चराय नम:।
इस मन्त्र का जाप रूद्राक्ष की माला से करना चाहिए।
राहु ग्रह-
राहु का जातक की कुंडली में छाया पड़ने से रोग हो सकता है और मन अस्थिर रहता है। इसलिए दवाईयों का दान करना चाहिए। और जुते चप्पल साफ रखनी चाहिए। राहु को नियंत्रित करने के लिए राहु के मन्त्र का जाप करना चाहिए।
मंत्र - "ॐ रां राहवे नमः"
मंत्र जाप रुद्राक्ष की माला से करें।
केतु ग्रह-
केतु को नियंत्रित करने के लिए केतु के मन्त्र का जाप रात्रि में करें।
मंत्र है - "ॐ कें केतवे नमः"
मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें
तो इन उपायों को करके आप भी अपने कमजोर और खराब ग्रहों को मजबूत बना सकते हैं और आप अपने जीवन को आसान औऱ सुन्दर बना सकते हैं।