By: Deepika
हिन्दू धर्म के ग्रन्थों के अनुसार हफ्ते के पूरे सातों दिन किसी ना किसी देवी-देवताओं का दिन माना जाता है। और उस दिन उन्हीं देवी-देवताओं की विशेष रूप से पूजा-पाठ करने की परम्परा कई सदियों से चली आ रही है। इसलिए प्राचीन काल से ही प्रत्येक सोमवार को शिवपूजा करने का विशेष महत्व है। वैदिक काल से ही देवी-देवताओं द्वारा ही शिव अराधना और सोमवार को विशेष शिव पूजा करने की प्रथा चली आ रही है।
सोमवार के दिन शिव पूजा करने का कारण?-
शिव पूजा सोमवार को ही क्यों की जाती है,यह सवाल सभी लोगों के मन में कभी ना कभी तो आता ही होगा। चलिए आपकों सोमवार के दिन शिव पूजा करने का कारण बताते है। और सोमवार के दिन शिव पूजा करने की क्या कहानी है यह भी बताते है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वंय शिव अर्धागंनी पार्वती माता ने भी 16 बार 16 सोमवार शिवजी की पूजा-पाठ, व्रत और तप किया था, जिसके फलस्वरूप देवो के देव महादेव उनके जीवनसाथी बने। और तभी से ऐसा कहा जाने लगा जो भी कुंवारी स्त्री 16 बार 16 सोमवार को पूरी श्रद्धा से व्रत करती है तो उसे भी महादेव जैसे भोला, सुन्दर और अपनी पत्नि से प्रेम करने वाला वर की प्राप्ति होती है। मगर सोमवार के दिन शिव पूजा सिर्फ स्त्री के लिए अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ही नही, बल्कि पुरूष भी सर्वगुण सम्पन्न अर्धांगिनी प्राप्ति के लिए, रोगियों के रोग मिटाने, किसी भी व्यक्ति की मन की इच्छा पूरी करने के लिए सोमवार के दिन शिव पूजा उत्तम बताई गई है।
इसके पीछे का कारण एक तो माता पार्वती द्वारा इसी दिन से ही पूजा करने की परम्परा चली आ रही है। तो वहीं इसके दूसरे कारण को देखे तो यह है कि ‘सोम’ यानि की ‘चन्द्रमा’। इसी दिन देवता चन्द्रमा भगवान शिव की पूजा करते थे, जिससे उन्हें निरोग शरीर की प्राप्ति हुई। और उन्होंने अपना इष्टदेव शिवजी को माना था, इसलिए भी सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है। और भगवान शंकर ने भी प्रसन्न होकर चन्द्रमा को सोमवार वाली द्वितीया तिथि को अपनी जटाओं में मुकुट के तौर पर धारण किया था, तभी तो भगवान शिवजी के स्वरूप में हमेशा चन्द्रमा उनकी जटाओं में सजा हुआ देखा गया है।
ऐसा भी कहा जाता है ‘सोम’ का अर्थ- ‘सौम्य’ यानि कि सरल होता है। और भगवान शिव जी को भी भोले और सबसे शान्त देवता कहा जाता था, इसलिए भी सोमवार का दिन भोलेनाथ का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन ‘ऊँ’ का जप और भोलेनाथ की पूजा करने का विशेष फल की भी प्राप्ति होती है। इसलिए सोमवार के दिन रखा जाने वाला व्रत सोमेश्वर व्रत कहलाता है।
सोमवार के दिन शिवजी की पूजा करने के लाभ-
इस दिन कोई भी व्यक्ति भले ही व्रत ना करे , लेकिन वह सच्चे मन से प्रत्येक सोमवार को शिवजी की पूर्ण श्रद्धा से जल अर्पित कर पूजा करता है और ध्यान करता है तो भी वह विशेष कृपा की प्राप्ति कर सकता है। शिवजी को प्रसन्न बिना पूजा सामग्री के भी किया जा सकता है, शर्त है कि जातक एक लोटा जल भी शिवजी को सच्चे मन से अर्पित कर दे और पूरे दिन शिवजी का ही ध्यान करे और झूठ, चोरी, बुरे कर्म बिल्कुल भी ना करें।