By: Deepika
मंगल दोष हिन्दू धर्म और जन्मकुंडली में इसका जिक्र काफी बार होता है। और मंगल दोष के बारे में आपने कई बार आपके आस-पास मौजूद लोगों से सुना होगा और साथ ही विवाह के लिए मंगल दोष से होने वाले हानियों को भी सुना होगा। मंगल दोष जिसे मांगलिक दोष भी कहा जाता है। यह हमारे दैनिक जीवन में बहुत असर डालता है। तो चलिए आपकों बताते है कि मंगल दोष क्या होता है और लोगों के जीवन में किस प्रकार से प्रभाव डालता है।
जब किसी कुंडली में प्रथम,चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है तब उस व्यक्ति के जीवन में मंगल दोष होता है। और वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है। इस मांगलिक दोष विवाह के लिए भी अशुभ माना जाता है। मांगलिक दोष जिस किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में होता है उसे मांगलिक ही जीवनसाथी चुनना चाहिए। इससे विवाह जीवन सम्पन्न रहता है। जिस जातक की कुंडली में मंगल दोष होता है अक्सर उस व्यक्ति का विवाह देरी से तय होता है। मांगलिक दोष वाले व्यक्ति को 28 वर्ष के बाद ही शादी करनी चाहिए, इससे वैवाहिक जीवन पर कोई भी अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। कुछ लोगों के जीवन में आशिंक मंगल दोष भी होता है। जिस जातक के चन्द्र लग्न से मंगल की स्थिति चंद्र मांगलिक कहलाती है। मांगलिक पुरूष जातक की कुंडली में मंगल की खराब स्थिति हो तो वह पगड़ी मंगल और स्त्री जातक की कुंडली में खराब मंगल की स्थिति हो तो वह चुनरी मंगल वाली कुंडली कहलाती है।
अधिकतर लोगों की जन्मकुंडली में मंगलदोष पाया जाता है। लेकिन इस मांगलिक दोष से घबराने की जरूरत नहीं है यह ज्योतिषी उपायों से मंगल दोष को समाप्त किया जा सकता है। विद्वान पंडित द्वारा भी मंगल दोष निवारण हेतु पूजा या कोई अन्य उपाय करवाया जा सकता है।
मंगल दोष से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव-
मंगल दोष के निवारण के उपाय-
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.