By: Sonu Sharma
तमिलनाडु में तिलतर्पणपुरी नामक एक स्थान में गणेश जी को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है जिसे विनायक मंदिर के नाम से जाना जाता है । इस मंदिर की अनोखी बात यह है की इस मंदिर में गणपति जी नर मुख में विराजमान हैं । भारत के सभी मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमा गजमुख के स्वरुप में विराजमान है लेकिन ये दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहा गणेश जी नर मुख में विराजमान हैं।
तिलतर्पणपुरी शब्द दो शब्दों के मेल से बना है तिलतर्पण और पुरी, तिलतर्पण का मतलब है पूर्वजों को समर्पित और पूरी का मतलब है शहर यानि तिलतर्पणपुरी शब्द का अर्थ हुआ पूर्वजों को समर्पित शहर। यह एक मात्र ऐसा मंदिर हैं जहां भक्तजन अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गणेश जी की पूजा अर्चना करते है । इस मंदिर में मुख्य भागवान की प्रतिमा का चेहरा गज की तरह नहीं बल्कि इंसान की तरह है, इसी वजह से यह मंदिर बहुत प्रख्यात है ।
कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान राम ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की थी और तभी से इस मंदिर में ये परंपरा शुरू हुई और लोग यहाँ आज भी लोग पितरों की शांति के लिए पूजा करते है । एक और प्रचलित कथा के अनुसार भागवान राम द्वारा अपने पिता का अंतिम संस्कार करते हुए बार बार चार पिंड कीड़ों के रूप में बदल रहे थे और इसी से परेशान होकर राम जी ने शिव जी से प्रार्थना की और तब शिव जी ने उन्हें विनायक मंदिर में पूजा करने को कहा । इसी कारण इस मंदिर में गणेश जी के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है ।