लेखक: सोनू शर्मा
मंगल जो की शौर्य, वीरता, बल, साहस, रक्त, मज्जा, मांस और पराक्रम का प्रतिनिधि ग्रह है, वह 27 जून को वक्री हो रहा है और यह ग्रह अपनी उच्च राशि मकर में 2 महीने तक वक्री रहेगा, यानि 27 जून से 27 अगस्त तक । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल के वक्री होने का असर सभी राशियों पर पड़ेगा और खास कर की मंगल से प्रभावित राशियों पर इसका ज़्यादा प्रभाव पड़ेगा । ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से मंगल का वक्री होना एक बड़ी घटना है, इसका प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन तथा यौन सुख पर पड़ सकता है, व्यक्ति में अहंकार और क्रोध की भावना बढ़ सकती है, मित्रो और रिश्तेदारों से अधिक मतभेद हो सकता है तथा सोच में नकारात्मकता आ सकती है ।
वक्री मंगल की दशा या अंतर्दशा में व्यक्ति को कुछ कार्य बिलकुल नहीं करने चाहिए –
- वक्री मंगल की दशा में व्यक्ति को किसी भी झगडे या वाद-विवाद से बचना चाहिए तथा इस दौरान कोई नया वाहन तथा नई संपत्ति नहीं खरीदनी चाहिए ।
- यदि इमरजेंसी न हो तो कोई ऑपरेशन या सर्जरी नहीं करानी चाहिए ।
- इस अंतर्दशा में किसी मुक़दमे की सुनवाई शुरू नहीं करवानी चाहिए अन्यथा मुकदमा हारने की ज़्यादा सम्भावना होती है ।
- इस दशा में ग्रह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
वक्री मंगल के दोष से बचने के उपाय !
- मंगल की वक्रता से बचने के लिए नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए तथा प्रतिदिन हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए । प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को शुद्ध घी से बने हलवे का भोग लगवाना चाहिए ।
- मंगल के क्रूर प्रभाव को शांत करने के लिए देवी दुर्गा की आराधना करनी चाहिए, इससे आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है तथा व्यवसाय में हानि नहीं होती ।
- मंगल के वक्रत्व काल में गले में लाल मूंगे से बने गणपति का पेन्डेन्ट धारण करने से आपके आस पास सकारात्मकता बनी रहती है ।
- मंगलवार के दिन दुर्गा मंदिर में जाकर आटे के पांच दीपक लगाएं और उसके पश्चात् दुर्गा चालीसा का पाठ करें, ऐसा करने से मंगल से जुड़े दोष समाप्त हो जाते हैं।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.