संसार में ईश्वर ने सभी मनुष्यो को कर्म फल प्रदान करने के लिए ग्रहो की स्थापना की | ग्रहो की दशा के माध्यम से ही भगवान शुभ एवं अशुभ कर्मो का फल मनुष्यो को देते है साथ ही सृष्टि के सुचारु रूप से संचालन में भी ग्रह अत्यधिक महत्वपूर्ण है | यह वर्ष माँ शाकम्भरी देवी की जयंती से प्रारम्भ हो रहा है | किसी भी शुभ योग में आप ग्रहो से संबंधित मंत्रो का जाप कर उनसे प्राप्त होने वाले दुष्प्रभवो से आप बच सकते है | पहले यह अवश्य जान ले की इस वर्ष आप के लिए कौन सा ग्रह शुभ फलदायी नहीं है | यदि आपके पास ग्रह संबंधित यंत्र हो तो उसे स्थापित कर उसके सामने शुभ घड़ी में मंत्रोच्चारण करे | ग्रहो से संबंधित मंत्र इस प्रकार है -
इस ग्रह से ग्रसित होने पर निम्न मंत्र का जाप 7 हजार बार किसी शुभ योग में करे |
ॐ सू सूर्याय नमः |
चंद्र ग्रह -
इस ग्रह से ग्रसित होने पर निम्न मंत्र का जाप 11 हजार बार करे |
ॐ चं चन्द्राय नमः |
मंगल ग्रह -
इस ग्रह से ग्रसित होने पर निम्न मंत्र का जाप १० हजार बार करना चाहिए |
ॐ कुं कुजाय नमः |
बुद्ध ग्रह -
इस ग्रह के दुष्परिणाम से बचने के लिए निम्न मंत्र का जाप 9 हजार बार करे |
ॐ बुं बुधाय नमः |
गुरु ग्रह -
गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह के दुष्परिणाम से बचाव के लिए निम्न मंत्र का जाप 19 हजार बार करना चाहिए |
ॐ बृम बृहस्पतये नमः |
शुक्र ग्रह -
इस ग्रह को शांत करने हेतु निम्न मंत्र का जाप 16 हजार बार करना चाहिए |
ॐ शुं शुक्राय नमः |
शनि ग्रह -
शनि ग्रह की शान्ति के लिए निम्न मंत्र का जाप 23 हजार बार करना चाहिए |
राहु ग्रह -
इस ग्रह की शान्ति के लिए निम्न मंत्र का जाप 18 हजार बार करना चाहिए |
ॐ रं राहवे नमः |
केतु ग्रह -
इस ग्रह की शान्ति के लिए निम्न मंत्र का जाप 17 हजार बार करे |
ॐ केँ केतवे नमः |
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.