पूजा भक्ति, श्रद्धा व विश्वास का विषय है, जब भी हम अपने आराध्य को स्मरण करते है, भक्ति करते है तो वह हमारी पुकार अवश्य सुनते है । फिर भी पूजा करने के कुछ नियम होते है, यदि हम इन बातों को ध्यान रखकर पूजा करे तो हमें वांछित फल प्राप्त होते है।
पूजा करते समय घी का दीपक हमेशा दाई तरफ तथा तेल का दीपक बाई और स्थापित करना चाहिए । ताम्बे का कलश, धूपदानी, घंटा इत्यादि बाई ओर रखने चाहिए ।
पूजा में चढ़ाये जाने वाले अक्षत टूटे हुए नहीं होने चाहिए वह अखंडित होने चाहिए तथा पीले रंगे हुए चावल शुभ होते है । जिन फूल व पत्तियों को पूजा में चढ़ाना हो उन्हें अच्छे से धोकर प्रयोग में लाना चाहिए ।
कभी भी एक दीपक से दूसरा दीपक नहीं जलना चाहिए क्योकि यह रोग उत्पन्न करने का कारण है । कभी भी ताम्बे के पात्र में चन्दन नहीं रखना चाहिए और केतकी का फूल शंकर जी को नहीं चढ़ाना चाहिए । तुलसी का पत्ता कभी भी बिना स्नान किए नहीं तोडना चाहिए तथा गणेशजी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए ।
कभी भी स्त्रियों व शूद्रों को पूजा के समय शंख नहीं बजाना चाहिए, ऐसा करने से लक्ष्मी जी चली जाती है तथा सूर्य देव को शंख में जल भरकर अर्घ नहीं देना चाहिए ।
पूजा पूर्व व उत्तर दिशा की ओर मुँह करके करना श्रेष्ठ होता है तथा पूजा करने का सबसे उत्तम समय सुबह का होता है ।
यदि हम इन नियमोंका पालन करेंगे तो हमे मनोवांछित फल प्राप्त होंगे ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.