हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के छठे महीने को भाद्रपद माह के नाम से जाना जाता है | इस माह में ही भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव कृष्णजन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी , राधाष्टमी एवं अनंत चतुर्दशी व्रत एवं त्यौहार मनाये जाते है | श्रावण माह के समाप्त होने पर अगला महीना भाद्रपद नाम से जाना जाता है| सावन में भगवान शिव की उपासना के बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है |
* भाद्रपद माह के प्रारम्भ में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का व्रत किया जाता है | इस दिन घर की महिलाये व्रत करती है और झूला झूलती है |
* इसी माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाती है | भगवान कृष्ण के भक्त विश्व के कई भागो में भी भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाते है और व्रत रखते है |
* इस माह की कृष्ण पक्ष की द्वादशी को वत्स द्वादशी के रूप में मनाते है | इस व्रत विधि में गाय एवं बछड़े की पूजा होती है | इस पर्व को विशेष रूप से अपनी संतान की सुख समृद्धि के लिए मनाया जाता है |
* इसी माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है | भगवान गणेश को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है और पूजा अर्चना की जाती है |
* इस माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में देवझूलनी एकादशी मनाई जाती है | इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है | इस दिन व्रत किया जाता है और भगवान विष्णु को पालकी में बिठाकर किसी जलाशय से स्नान कराया जाता है और पुनः मंदिर में पूजन कर उन्हें स्थापित किया जाता है |
* इस माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है | इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप का पूजन और जाप किया जाता है | हिन्दू पंचाग में आषाढ़ से चार माह तक व्रत और पूजन का विशेष महत्व है | ये चार माह मौसम में बदलाव होता है और इन माहो में बैक्टीरिया भी अधिक पनपते है इसी कारण हिन्दू धर्म में ये चार माह नियम सयंम और व्रत का पालन करना चाहिए इससे स्वास्थ्य लाभ होता है और बदलते मौसम का प्रभाव कम होता है |
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.