April 8, 2025 Blog

Surya ke 12 naam : भगवान सूर्यदेव के 12 नामों का जप करने से मिलता है मनचाहा फल

BY : STARZSPEAK

Surya ke 12 naam: रविवार को विशेष रूप से भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना का महत्व बताया गया है। जिस तरह जीवन के लिए जल, वायु और पृथ्वी अनिवार्य हैं, उसी तरह सूर्य देव की ऊर्जा भी हर जीव के पोषण और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। वे न केवल प्रकाश के स्रोत हैं, बल्कि जीवन शक्ति का आधार भी माने जाते हैं। (Surya Dev ke 12 naam)

शास्त्रों में सूर्य देव को ‘सृष्टि का देवता’ कहा गया है। यह मान्यता है कि जब सूर्य भगवान किसी पर कृपा करते हैं, तो उसका जीवन धन-धान्य, सुख और समृद्धि से भर जाता है। यही कारण है कि रविवार को लोग सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं, सूर्य को अर्घ्य देते हैं और उनकी आराधना करते हैं।

अगर रविवार के दिन पूजा के समय भगवान सूर्य के 12 दिव्य नामों (Surya Dev ke 12 naam) का जाप किया जाए, तो इससे उन्हें प्रसन्न करना और भी आसान हो जाता है। ये नाम न केवल आध्यात्मिक बल देते हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा से भी भर देते हैं।

तो आइए, इस रविवार भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त करें और जानें उनके वो 12 पावन नाम जिनके जप से जीवन में प्रकाश फैलता है…

भगवान सूर्य के 12 नाम और उनका आध्यात्मिक महत्व

भगवान सूर्य को "सर्वदेवता स्वरूप" कहा गया है। सूर्य देवता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे प्रत्यक्ष देवता हैं — जिन्हें हम रोज़ देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं। इनकी पूजा करने से आत्मबल, आत्मविश्वास, आत्मिक ऊर्जा और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि सूर्य की कृपा से व्यक्ति को न केवल वैभव प्राप्त होता है,
बल्कि मानसिक और शारीरिक बल में भी वृद्धि होती है और मन की इच्छाएं भी पूरी होती हैं। (Surya Dev ke 12 naam)

surya dev ke 12 naam


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भगवान सूर्यदेव के 12 नाम (Surya Dev ke 12 Naam)

  1. ॐ सूर्याय नमः – समस्त जीवन के अधिपति, रोग नाशक

  2. ॐ भास्कराय नमः – प्रकाश प्रदान करने वाले

  3. ॐ रवये नमः – गति देने वाले, सजीवता के स्रोत

  4. ॐ मित्राय नमः – सबके मित्र, सौम्यता के प्रतीक

  5. ॐ भानवे नमः – प्रकाशमान करने वाले

  6. ॐ खगाय नमः – आकाश में विचरण करने वाले

  7. ॐ पुष्णे नमः – पोषण करने वाले

  8. ॐ मारिचाय नमः – किरणों के रूप में व्याप्त

  9. ॐ आदित्याय नमः – अदिति पुत्र, ऊर्जा का प्रतीक

  10. ॐ सावित्रे नमः – सृष्टिकर्ता स्वरूप

  11. ॐ आर्काय नमः – तेजस्वी और उग्र स्वरूप

  12. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः – ब्रह्मांड के गर्भ में स्थित


सूर्यदेव के 12 नाम और उनका अर्थ (Surya Dev Ke 12 Naam in Hindi & Meanings)

यहाँ सूर्य देव के 12 नामों का सुंदर और सरल रूप में भावपूर्ण विवरण प्रस्तुत किया गया है, जो उनके विभिन्न गुणों और भूमिकाओं को दर्शाता है:
  1. आदित्य – सूर्य देव को आदित्य इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे ऋषि कश्यप और अदिति के पुत्र हैं। अदिति का अर्थ होता है – ऐसी शक्ति जो राग-द्वेष से परे हो और जिसे कोई बाँध न सके। उन्हीं की संतान होने के कारण सूर्य को आदित्य कहा गया है।

  2. दिनकर – सूर्य के उदय और अस्त से ही दिन की शुरुआत और अंत होता है, इसलिए उन्हें दिन का स्वामी माना गया और इसी कारण उन्हें दिनकर कहा जाता है।

  3. मित्र – इस नाम का अर्थ है – सभी का सच्चा साथी। सूर्यदेव सभी को बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करते हैं, इसलिए उन्हें मित्र कहा जाता है।

  4. भुवनेश्वर – सूर्य वह शक्ति हैं जो पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाती हैं। भुवनेश्वर का अर्थ है – धरती पर शासन करने वाला, यानी जिसके बिना धरती पर कुछ भी टिक नहीं सकता।

  5. प्रभाकर – प्रभा यानी रोशनी या भोर का समय। चूँकि सूर्य ही दिन की शुरुआत करते हैं, इसलिए उन्हें प्रभा को देने वाला, यानी प्रभाकर कहा गया है।

  6. सविता – सविता का अर्थ है सृजन करने वाला। सूर्य की किरणों से ही जीवन की उत्पत्ति और पोषण होता है, इसलिए उन्हें सविता कहा गया है।

  7. सूर्य – यह नाम खुद में बहुत गहरा है। इसका अर्थ होता है – भ्रमण करने वाला। सूर्य सदैव गतिशील हैं, वे लगातार ब्रह्मांड में भ्रमण कर रहे हैं, इसलिए उन्हें सूर्य कहा जाता है।

  8. भानु – सूर्य की विशेषता उनका तेज है। उनके दिव्य प्रकाश के कारण उन्हें भानु नाम से जाना जाता है।

  9. दिवाकर – यह नाम उस शक्ति को दर्शाता है जो अंधकार को दूर करता है। जैसे ही सूर्य उदित होते हैं, अंधेरा समाप्त हो जाता है, इसलिए उन्हें दिवाकर – दिन का करने वाला कहा जाता है।

  10. मारिचि – किरणों से युक्त होने वाले। यह नाम उनके प्रकाश और ऊर्जा की सूक्ष्म किरणों को दर्शाता है।

  11. रवि – सप्ताह की शुरुआत रविवार से होती है, और यह दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस कारण उन्हें रवि नाम से भी पूजा जाता है।

  12. सप्तसती – सूर्य की रथ को सात घोड़े खींचते हैं, जो सप्ताह के सातों दिनों और सात रंगों के प्रतीक हैं। इन सातों घोड़ों में सूर्य की हजारों किरणें समाहित होती हैं, इसलिए उन्हें सप्तसती कहा जाता है।

इन नामों (Surya Dev ke 12 naam) का जाप विशेष रूप से रविवार के दिन या सूर्यदेव की आराधना के समय किया जाता है। यह जाप आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, सफलता और आत्मबल को बढ़ाता है।

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सूर्यदेव के 12 नामों का जप कब और कैसे करें? (When & How Chant of Surya Dev ke 12 naam)

जप का उत्तम समय:

  • प्रातःकाल सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय।

  • रविवार को विशेष फलदायी होता है।

  • संक्रांति, रवि पुष्य योग, मकर संक्रांति जैसे विशेष अवसरों पर इन नामों का जाप करने से विशेष लाभ होता है।

जप की विधि:

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

  3. भगवान सूर्य का चित्र या प्रतिमा रखें (यदि संभव हो तो उगते सूर्य को देखें)।

  4. दीपक जलाएं और सूर्य को जल अर्पित करें।

  5. इसके बाद श्रद्धा पूर्वक इन 12 नामों का जाप (Surya Dev ke 12 naam) करें।आप चाहें तो एक-एक नाम का जाप 11, 21 या 108 बार कर सकते हैं।
     

इन नामों के जप से क्या लाभ होते हैं?

  • आरोग्यता प्राप्त होती है (नेत्र और हड्डी से जुड़ी बीमारियों में विशेष लाभ)
  • आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि होती है
  • सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है
  • जीवन में सकारात्मकता, तेज और निर्णय क्षमता बढ़ती है
  • नौकरी, प्रमोशन और प्रसिद्धि के लिए अत्यंत फलदायक
  •  पितृ दोष और सूर्य ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है
  • मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है
 विशेष टिप्स:
  • प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाते समय इन नामों को मन में या शुद्ध उच्चारण के साथ जपें।

  • यदि समय कम हो तो केवल 12 नामों को (Surya Dev Ke 12 Naam) एक बार पढ़ना भी अत्यंत फलदायी माना गया है।

  • रविवार के दिन सूर्य मंत्रों के साथ आदित्य हृदय स्तोत्र या सूर्य अष्टक का पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा इस प्रकार करें:

सूर्य भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना उत्तम माना जाता है। सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर, उसमें लाल पुष्प, अक्षत और रोली मिलाकर सूर्य की ओर मुख करके अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। इस दौरान सूर्यदेव के 12 नामों (Surya Dev ke 12 naam) का जप करने से विशेष लाभ मिलता है।

पंडित कमलेश जोशी के अनुसार, रविवार के दिन यदि सूर्य की आराधना करते समय वैदिक मंत्र या तांत्रोक्त मंत्रों का उच्चारण भी किया जाए, तो भगवान सूर्य अति प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।

सूर्य के लिए तांत्रोक्त मंत्र

ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम

ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री

ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:

ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:

सूर्य वैदिक मंत्र

ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।

हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।

निष्कर्ष:

भगवान सूर्य के 12 नाम (Surya Dev ke 12 naam) उनके दिव्य स्वरूप और शक्तियों का प्रतीक हैं। इनका नियमित जाप विशेष रूप से रविवार को करने से जीवन में ऊर्जा, सफलता, समृद्धि और आत्मबल की वृद्धि होती है। यह साधना न केवल मानसिक शांति देती है, बल्कि कुंडली में सूर्य को भी बलवान बनाती है।


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