January 22, 2025 Blog

Holika Dahan 2025 : इस साल कब किया जायेगा होलिका दहन और क्या है दहन का शुभ मुहूर्त

BY : STARZSPEAK

Holika Dahan 2025: सनातन धर्म में व्रत और त्योहारों का खास महत्व है। कुछ त्योहार ऐसे होते हैं, जिनका लोग महीनों पहले से बेसब्री से इंतजार करते हैं। दिवाली और होली इन्हीं बड़े त्योहारों में से हैं। दिवाली खत्म होते ही लोग होली की तैयारी और प्रतीक्षा शुरू कर देते हैं।

होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग रंगों से खेलकर और एक-दूसरे को रंग लगाकर इस त्योहार का आनंद लेते हैं। होली का उत्सव दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन छोटी होली या होलिका दहन (Holika Dahan 2025) और दूसरे दिन बड़ी होली, जिसे धुलेंडी कहा जाता है।


होलिका दहन: बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व

होलिका दहन, जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और होली के रंगों भरे उत्सव से एक रात पहले मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को आयोजित किया जाता है और इसके पीछे भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद, राक्षस राजा हिरण्यकश्यप, और होलिका की कथा जुड़ी हुई है।

धार्मिक दृष्टि से, होलिका दहन (Holika Dahan 2025) केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह अच्छाई की ताकत और ईश्वर पर अटूट विश्वास की मिसाल है। अलग-अलग मान्यताओं और रीति-रिवाजों के बीच यह पर्व पूरे देश में उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आइए, इस महत्वपूर्ण दिन और इसकी परंपराओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

होलिका दहन 2025 कब है? (When is Holika Dahan 2025?)

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 बजे शुरू होगी और इसका समापन 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे होगा। इस हिसाब से होलिका दहन 13 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। वहीं, होलिका दहन (Holika Dahan 2025 Time) का शुभ मुहूर्त 13 मार्च को रात 11:26 बजे से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा।


होलिका दहन पर भद्रा का साया (Bhadra's Shadow On Holika Dahan)

होलिका दहन पर भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है, क्योंकि भद्राकाल के दौरान होलिका दहन करना वर्जित माना गया है। होलिका दहन के लिए भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को सबसे शुभ माना जाता है। होलिका दहन के दिन, भद्रा का समय सुबह 10:35 बजे से रात 11:26 बजे तक रहेगा।

प्रदोष काल में भद्रा के साथ समय विवरण:

      भद्रा पूंछ: शाम 6:57 से रात 8:14 तक

      भद्रा मुख: रात 8:14 से रात 10:22 तक



Holika Dahan 2025


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होलिका दहन का महत्व (Importance Of Holika Dahan)

होलिका दहन की पूजा और अनुष्ठान से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। हालांकि, भद्राकाल के दौरान होलिका दहन करना अशुभ माना जाता है। इसलिए, भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन की पूजा करनी चाहिए, तभी यह शुभ और फलदायी होती है।


होलिका दहन पूजन के नियम (Rules For Holika Dahan Puja)

  • होलिका दहन रात के समय किया जाता है, और इससे पहले माता होलिका की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।
  • होलिका दहन (Holika Dahan 2025) की पूजा से पहले स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं और पवित्र होकर स्नान करें।
  • स्नान के बाद, होलिका दहन स्थल पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • पूजा के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा तैयार करें।
  • पूजा सामग्री में रोली, अक्षत, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज और एक लोटा पानी रखें।
  • इन सभी सामग्रियों का उपयोग करते हुए विधिपूर्वक होलिका की पूजा करें।
  • घी का दीपक जलाएं और होलिका के चारों ओर कच्चे सूत को पांच बार घुमाते हुए परिक्रमा करें। 
  • पूजा के बाद फल, गुझिया, मीठी पूरी आदि का भोग अर्पित करें।
  • इसके साथ नरसिंह भगवान की भी श्रद्धा पूर्वक पूजा करें।
  • अंत में, होलिका दहन (Holika Dahan 2025) के सामने अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करें।

यह पूजा विधि शुभता लाने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बहुत लाभकारी मानी जाती है।

 

होलिका दहन के अनुष्ठान और परंपराएं (Holika Dahan Rituals And Traditions)

होलिका दहन से पहले पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दौरान व्यक्ति को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। होलिका दहन के बाद अग्नि की परिक्रमा करना आवश्यक होता है। इसके अगले दिन होली की राख को लाकर चांदी की डिब्बी में सुरक्षित रखने की परंपरा है।

होलिका की पवित्र अग्नि में जौ, सरसों के दाने और गेहूं की बालियां डालने का विशेष महत्व है। यह मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-शांति और खुशियां आती हैं।

होलिका दहन के समय (Holika Dahan Time), लोग अपनी परेशानियों और दुखों को अग्नि के साथ भस्म करने की कामना करते हैं। जहां होली का त्योहार उत्साह और उमंग से भरा होता है, वहीं होलिका दहन के दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है।

होलिका दहन के दिन क्या करें? (What To Do On The Day of Holika Dahan?)

होलिका दहन (Holika Dahan 2025) के दिन सुबह शुभ मुहूर्त में होलिका की पूजा करने का विधान है। यह पूजा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर की जाती है। इस दिन व्रत या उपवास रखने की परंपरा भी है, जिसे आप पालन कर सकते हैं।

ज्योतिष के अनुसार, अगर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति चाहते हैं, तो होलिका दहन (Holika Dahan 2025) के दिन घर की उत्तर दिशा में घी का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है।

होलिका पूजन के लिए सरसों, तिल, 11 गोबर के उपले, अक्षत, चीनी, गेहूं के दाने और गेहूं की 7 बालियों का उपयोग करें। पूजा के बाद, होलिका की 7 बार परिक्रमा करते हुए जल अर्पित करें। इसके बाद दान करने से विशेष पुण्य मिलता है।

 

होलिका दहन के दिन क्या न करें? (What Not To Do on the Day of Holika Dahan?)

  1. पैसे का लेन-देन:
    होलिका दहन के दिन किसी को उधार देना या पैसे का लेन-देन करना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से घर की बरकत और समृद्धि बाधित हो सकती है।

  2. काले और सफेद कपड़े न पहनें:
    पूजा के समय काले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि ये रंग अशुभ माने जाते हैं। इसके बजाय, पीले, लाल, या गुलाबी जैसे शुभ रंगों के कपड़े पहनें।

  3. खुले बालों से पूजा करें:
    महिलाओं को होलिका पूजन के समय बाल खुले रखने चाहिए। पूजा के बाद वे बाल बांध सकती हैं।

  4. सड़क पर पड़ी चीजें न छुएं:
    होलिका दहन की रात सड़क पर पड़ी किसी भी चीज को हाथ या पैर न लगाएं। ऐसा करने से टोटकों का खतरा हो सकता है।

  5. नवविवाहित महिलाओं के लिए सावधानी:
    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवविवाहित महिलाओं को अपने ससुराल में पहली होली पर होलिका दहन की अग्नि देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।

निष्कर्ष:

होलिका दहन 2025 (Holika Dahan 2025) का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो हमें सिखाता है कि सत्य और धर्म के मार्ग पर चलकर हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से भी हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। होलिका दहन (Holika Dahan 2025) की परंपराएं और पूजन विधियां हमें प्रकृति, संस्कृति और परिवार के प्रति प्रेम और सम्मान का संदेश देती हैं। इस शुभ अवसर पर सभी को मिल-जुलकर त्योहार मनाना चाहिए और एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटनी चाहिए। आइए, इस होलिका दहन पर अपने जीवन से सभी नकारात्मकताओं को त्यागकर सुख, शांति और समृद्धि का स्वागत करें।

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