January 20, 2025 Blog

Magh Purnima 2025 : कब है माघी पूर्णिमा एवं क्या है इस व्रत के नियम और पूजा विधि

BY : STARZSPEAK

Magh Purnima 2025: पूर्णिमा हर महीने शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन मनाई जाती है और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा में होता है, जिससे यह दिन फूल मून कहलाता है। इसे बलशाली और शांत तिथि के रूप में जाना जाता है, जो व्रत, ध्यान और दान-पुण्य के लिए आदर्श है। (Magh purnima 2025 Date)

माघ पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त 2025 (Auspicious Time Of Magh Purnima Vrat 2025 )

  • आरंभ: 11 फरवरी, शाम 6:56 बजे
  • समाप्ति: 12 फरवरी, शाम 7:22 बजे

इस विशेष दिन पर स्नान, दान, और पूजा का महत्व असीमित है। श्रद्धालु गंगा स्नान और सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करते हैं। पवित्र भाव से व्रत करने वाले भक्तों को सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है।

पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व (Scientific Importance Of Purnima)


पूर्णिमा तिथि (Magh Purnima 2025) का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल अपने चरम पर होता है, जिसके कारण समुद्र में ऊंचे ज्वार उत्पन्न होते हैं। आयुर्वेद में भी पूर्णिमा को विशेष माना गया है, क्योंकि इसे मन, शरीर और आत्मा के संतुलन के लिए सर्वोत्तम समय समझा जाता है।

पूर्णिमा का धार्मिक महत्व (Religious Significance Of Purnima )


धार्मिक शास्त्रों में माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) का विशेष उल्लेख मिलता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माघी पूर्णिमा के दिन देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और मनुष्य का रूप धारण कर त्रिवेणी संगम में स्नान, दान और ध्यान करते हैं।  इस दिन प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने से आध्यात्मिक लाभ और शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima 2025) पर पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। इसके अलावा, पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला कल्पवास भी माघी पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है, जो आध्यात्मिक साधना और तप का विशेष पर्व है। इस दिन जरूरतमंदों को दान करने और पूजा-पाठ करने का भी खास महत्व है, जो सुख, समृद्धि और पुण्य प्रदान करता है।


magh purnima 2025


यह भी पढ़ें: Ratha Saptami 2025: क्या है इसका महत्व और कब है शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा व्रत पूजा विधि (Magh Purnima Vrat Puja Vidhi)

माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलस्रोत में स्नान करें। घर पर स्नान करने पर पानी में गंगाजल मिलाकर शुद्धिकरण करें। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें।

इस दिन भगवान मधुसूदन (विष्णु) की विशेष पूजा की जाती है। पूजा के उपरांत गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना और उनकी सहायता करना पुण्यदायी माना जाता है। इस प्रकार व्रत और सेवा के माध्यम से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

पूर्णिमा व्रत पर करें इन देवी-देवताओं की पूजा


पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) के दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है। यह दिन ध्यान, साधना और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का यह उत्तम समय है। साथ ही, जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और धन का दान करना शुभ फल देता है। इस दिन अन्न और जल का दान विशेष रूप से पुण्यकारी माना गया है।

भगवान विष्णु की विशेष कृपा


हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima 2025) के दिन पवित्र स्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जो जगत के पालनहार माने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, माघी पूर्णिमा पर पितरों के श्राद्ध का भी विशेष महत्व है। इस पावन अवसर पर दान-पुण्य करने की परंपरा है, जिसमें गरीबों को भोजन दान अवश्य करना चाहिए।


यह भी पढ़ें: Ratha Saptami 2025: क्या है इसका महत्व और कब है शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा 2025: जरूर करें ये उपाय (Magh Purnima 2025: Do These Remedies) 

माघ पूर्णिमा पर गंगाजल से स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है। स्नान और दान के बाद घर में तुलसी के पौधे की पूजा करके उसमें मीठा जल अर्पित करें, इससे सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, पितरों का श्राद्ध और जरूरतमंदों को दान देने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही, पीपल के वृक्ष की पूजा कर जल अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।


माघ पूर्णिमा के दिन क्या न खाएं? (What Not To Eat On Magh Purnima?)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन मांस, मछली, लहसुन, प्याज और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं, जिससे अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।


माघ पूर्णिमा के दिन क्या खाएं? (What To Eat On Magh Purnima?)

इस पवित्र दिन पर मौसमी फल और दूध से बने व्यंजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है। आप निम्नलिखित पदार्थों का सेवन कर सकते हैं:

  • दूध और चावल से बनी खीर
  • साबूदाने की खीर
  • सिंघाड़े के आटे का हलवा
  • साबूदाने की खिचड़ी
  • साबूदाने के पापड़
  • उबले आलू
  • कच्चे बादाम

निष्कर्ष 

माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) का दिन आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन सही आहार-विहार और पूजा-पाठ करने से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है बल्कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। शुभ कर्म, दान-पुण्य और सही आचरण अपनाकर हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता ला सकते हैं।


यह भी पढ़ें: आध्यात्मिकता और परंपरा का संगम: MahaKumbh 2025 में क्या है खास