Durga Ashtami 2024: हम सभी जानते है कि इस वर्ष नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहे है और 12 अक्टूबर को समाप्त हो रहे है। हर वर्ष हम लोग नवरात्रि के आठवे दिन अष्टमी कीपूजा करते है। इस वर्ष तृतीता तिथि 2 दिन होने के कारण सभी लोग दुविधा में है कि दुर्गा अष्टमी कि पूजा किस दिन की जाए। आइए जानते है कि इस बार दुर्गा अष्टमी कब है, क्या है इसकी सही तारीख और शुभ मुहूर्त।
Durga Ashtami 2024 date: इस साल नवरात्रि में अष्टमी का पूजन 11 अक्टूबर को होगा और 12 अक्टूबर को नवमी की पूजा की जाएगी और इस दिन दशहरा भी मनाया जायेगा क्यूकि विजयादशमी की तिथि भी 12 अक्टूबर से लग रही है।
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Ashtami 2024 date: इस वर्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 बजे से हो रही है और ये समाप्त 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे होगी। उदया तिथि के कारण हम लोग अष्टमी की पूजा 11 अक्टूबर 2024 को करेंगे।
नवरात्रि के 9 दिनों तक माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन माँ का अलग अलग स्वरुप होता है। प्रथम दिन शैलपुत्री माँ, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माँ, तीसरे दिन का स्वरुप चंद्रघंटा माँ, चौथा दिन कुष्मांडा देवी का स्वरुप, पांचवे दिन स्कंदमाता का स्वरुप , छठे दिन कात्यानी देवी माँ , सातवे दिन कालरात्रि माँ , आठवां स्वरुप महागौरी और नवे दिन सिद्धिदात्री माँ के स्वरुप की पूजा आराधना की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी का पूजन किया जाता है। महागौरी, जिन्हें श्वेताम्बरधरा कहा जाता है, का स्वरूप गौर वर्ण का होता है, और वह वृषभ पर सवार होती हैं। इसकी एक पौराणिक कहानी भी है।
श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया॥
देवी का स्वरूप: जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इनका रंग पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी तुलना शंख, चन्द्रमा और कुंद पुष्प से की जाती है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी अर्थात इनकी आयु आठ वर्ष मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र श्वेत हैं। इसीलिए इन्हें श्वेताम्बरधरा कहा जाता है। इनकी चार भुजाएँ हैं और इनका वाहन वृषभ है, इसीलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। इनका ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। माँ ने ऊपर वाले बाएँ हाथ में डमरू है अपने नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा को धारण किया है।
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