July 29, 2024 Blog

Kamika Ekadashi: 31 जुलाई को कामिका एकादशी, जानिए महत्व और पूजाविधि

BY : STARZSPEAK

सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई 2024 को शाम 04:44 बजे शुरू होगी और यह तिथि 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03:55 बजे समाप्त होगी.

Kamika Ekadashi 2024: शिव के प्रिय श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी, जिसे कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है, का शास्त्रों में बहुत महत्व है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। वैदिक पंचांग के अनुसार सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई 2024 को शाम 04:44 बजे शुरू होगी और यह तिथि 31 जुलाई 2024 को दोपहर 03:55 बजे समाप्त होगी. कामिका एकादशी का व्रत उदयातिथि के अनुसार 31 जुलाई 2024 को रखा जाएगा.

कामिका एकादशी का महत्व
पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति शिव के प्रिय श्रावण माह में भगवान श्रीधर की पूजा करता है, वह गंधर्वों और नागों सहित सभी देवताओं की पूजा करता है। यह एकादशी स्वर्गलोक और महान पुण्य फल प्रदान करने वाली है। जो मनुष्य इसकी महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता है वह सभी पापों से मुक्त होकर श्री विष्णु के लोक को जाता है। खासतौर पर इस दिन तुलसी के पत्तों का प्रयोग करने से व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के व्रत के दौरान किए गए दान का भी विशेष महत्व होता है, जिससे व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति का मन, वचन और कर्म शुद्ध हो जाता है और उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

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kamika ekadashi
कामिका एकादशी की पूजा विधि / Kamika Ekadashi Puja Vidhi 

इस दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को गंगा जल से पवित्र करें। पूजा स्थल को साफ करें, एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। धूप, दीप, पुष्प, चंदन, अक्षत और नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा में तुलसी के पत्तों का विशेष महत्व होता है इसलिए तुलसी के पत्तों का प्रयोग अवश्य करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता का पाठ करें और विष्णु मंत्रों का जाप करें। “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप विशेष लाभकारी है। पूरे दिन निराहार रहकर भगवान विष्णु का स्मरण करें और शुभ कर्म करें।

शाम को फिर से भगवान विष्णु की आरती करें और फलों का भोग लगाएं। रात्रि में जागरण करें और विष्णु भजन-कीर्तन करें। अगले दिन द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत खोलें। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि- 'जो व्यक्ति कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के दिन भगवान के सामने घी या तिल के तेल का अखंड दीपक जलाता है, उसके पुण्यों की गिनती चित्रगुप्त भी नहीं कर पाते। जो लोग किसी कारणवश एकादशी का व्रत नहीं कर पाते हैं, उन्हें भी एकादशी के दिन अपने खान-पान और व्यवहार में पूर्ण संयम रखना चाहिए। -एकादशी के दिन चावल खाना भी वर्जित है।

मंत्र-

यहां कुछ विष्णु मंत्र दिए गए हैं जिन्हें कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के दिन जप कर पुण्य अर्जित कर  सकते हैं।

विष्णु गायत्री मंत्र

"ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्"

नारायण मंत्र

"ॐ नारायणाय नमः"

अच्युतानंद गोविंद मंत्र

"अच्युतानंद गोविंद माधव शत कीर्तनं वासुदेव हृषीकेश"

अष्टाक्षर मंत्र:

"ॐ नमो नारायणाय" 

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