त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में दर्शन होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां पूजा और दर्शन करने से (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple) महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि गौतम और उनकी पत्नी एक पर्वत पर स्थापित आश्रम में रहते थे, लेकिन आश्रम के कई ऋषि महर्षि गौतम से ईर्ष्या करते थे। उन्होंने उस समाज में हीन दिखाने की कोशिश की। महर्षि गौतम ने आश्रम में न रहने का विचार किया। ऋषि ने गौतम ऋषि पर गोहत्या का आरोप लगाया। ऐसे में गौतम ऋषि ने ब्रह्माण्ड में माँ गंगा के अवतरण की चर्चा की।
इसके बाद उन्होंने एक शिवलिंग स्थापित किया और सच्चे मन से तपस्या करने लगे। यह देखकर महादेव प्रसन्न हो उठे। तब गौतम ऋषि ने भगवान शिव से मां गंगा को प्रकट करने का वरदान मांगा। लेकिन इस पर मां गंगा ने शर्त रखी कि अगर भगवान शिव इस स्थान पर रहेंगे तभी वह यहां रुकेंगी। महादेव ने यह शर्त स्वीकार कर ली और भगवान शिव त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga) का रूप धारण कर यहीं स्थित हो गये।
मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश माना जाता है। मान्यता है कि यहां पूजा (Trimbakeshwar Jyotirlinga) करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सुबह 05:30 बजे खुलता है और रात 09:00 बजे मंदिर के दरवाजे बंद हो जाते हैं। भक्त 5 मीटर की दूरी से ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple) में पुरुषों को केवल विशेष पूजा के लिए गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है।
अगर आप वीआईपी पास के जरिए इस मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga) के दर्शन करना चाहते हैं तो इस पास की कीमत 200 रुपये है। इसके अलावा मुफ्त दर्शन भी किया जा सकता है।
इस मंदिर में (Trimbakeshwar Jyotirlinga) आरती सुबह 05 बजकर 30 मिनट से होती है।
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Dr. Rahul Nair, with 15+ years in student counseling, integrates psychology and spirituality to guide learners toward aligned educational paths, personal growth, and meaningful success in life.