July 23, 2024 Blog

Trimbakeshwar Jyotirlinga: हर मुराद पूरी, जानें इसका अवतरण

BY : Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

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त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में दर्शन होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यहां पूजा और दर्शन करने से (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple) महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही पिछले जन्म और इस जन्म में किए गए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।

Trimbakeshwar Jyotirling Temple: देवों के देव महादेव को समर्पित देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो मान्यता या किसी अन्य कारण से प्रसिद्ध हैं। इनमें त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भी शामिल है। सनातन धर्म में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। यह मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबक गांव में स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग का संबंध मां गंगा से है। ऐसे में आइए जानते हैं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कहानी और मंदिर से जुड़ी अन्य जानकारी के बारे में।

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Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा 

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि गौतम और उनकी पत्नी एक पर्वत पर स्थापित आश्रम में रहते थे, लेकिन आश्रम के कई ऋषि महर्षि गौतम से ईर्ष्या करते थे। उन्होंने उस समाज में हीन दिखाने की कोशिश की। महर्षि गौतम ने आश्रम में न रहने का विचार किया। ऋषि ने गौतम ऋषि पर गोहत्या का आरोप लगाया। ऐसे में गौतम ऋषि ने ब्रह्माण्ड में माँ गंगा के अवतरण की चर्चा की।

इसके बाद उन्होंने एक शिवलिंग स्थापित किया और सच्चे मन से तपस्या करने लगे। यह देखकर महादेव प्रसन्न हो उठे। तब गौतम ऋषि ने भगवान शिव से मां गंगा को प्रकट करने का वरदान मांगा। लेकिन इस पर मां गंगा ने शर्त रखी कि अगर भगवान शिव इस स्थान पर रहेंगे तभी वह यहां रुकेंगी। महादेव ने यह शर्त स्वीकार कर ली और भगवान शिव त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga) का रूप धारण कर यहीं स्थित हो गये।

क्यों खास है त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

मंदिर के अंदर तीन छोटे-छोटे ज्योतिर्लिंग हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश माना जाता है। मान्यता है कि यहां पूजा (Trimbakeshwar Jyotirlinga) करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

त्र्यंबकेश्वर दर्शन के नियम क्या हैं 

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सुबह 05:30 बजे खुलता है और रात 09:00 बजे मंदिर के दरवाजे बंद हो जाते हैं। भक्त 5 मीटर की दूरी से ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga Temple) में पुरुषों को केवल विशेष पूजा के लिए गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति है।

वीआईपी टिकट की कीमत क्या है?

अगर आप वीआईपी पास के जरिए इस मंदिर (Trimbakeshwar Jyotirlinga) के दर्शन करना चाहते हैं तो इस पास की कीमत 200 रुपये है। इसके अलावा मुफ्त दर्शन भी किया जा सकता है।

आरती टाइमिंग 

इस मंदिर में (Trimbakeshwar Jyotirlinga) आरती सुबह 05 बजकर 30 मिनट से होती है। 

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Author: Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

Dr. Rahul Nair, with 15+ years in student counseling, integrates psychology and spirituality to guide learners toward aligned educational paths, personal growth, and meaningful success in life.