हमारी कुंडली में बारह भावों में नव ग्रह स्थित होते है, कभी तो यह अलग - अलग भावों में होते है ओर कभी एक ही भाव में तीन ग्रहों की युति होती है । आइये जानते है यदि तीन ग्रह एक साथ हो तो उनका क्या फल होता है -
सूर्य, बुध और शनि- यदि किसी की कुंडली में इन तीन ग्रहों की किसी एक भाव में युति हो तो ऐसे जातक को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा वह दुखी रहते है ।
सूर्य, शुक्र और शनि - ऐसे जातक का चरित्र ठीक नहीं होता, ये जो कार्य करते है उसमे इनकी मान हानि होती है तथा इनको किसी ऐसी बीमारी को सहन करना पड़ता है जिससे शरीर में बहुत वेदना होती है ।
सूर्य, गुरु और शनि - ऐसे व्यक्ति को कुष्ठ रोग होने की सम्भावना बनी रहती है तथा इनके शत्रुओं की संख्या बहुत अधिक होती है ।
चंद्र, मंगल और शनि - आप इन पर आँख मूंदकर विश्वास कर सकते है, इन्हे बहुत ज्ञान होता है लेकिन ये बहुत अशांत तथा परेशान रहते है ।
चंद्रमाँ, शुक्र और शनि - ये जातक बहुत ही मेहनत करने वाले होते है तथा ज्योतिषी व शिक्षक हो सकते है, ये
लोग बहुत दानी होते है ।
मंगल, बुध और शनि - इस युति वाले लोग मुख के रोग से ग्रसित होते है तथा कोई भी कार्य जिम्मेदारी से नहीं करते ।
मंगल, शुक्र और शनि - इस युति वाले लोग अनेक सस्थाओं का निर्माण करवाने वाले होते है , ये किसी उच्चे पद पर होते है ।