हिंदू धर्म में शालिग्राम पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। विष्णु पुराण में कहा गया है कि जिस घर में भगवान शालिग्राम विराजमान होते हैं वह घर किसी तीर्थ से कम नहीं होता है। भगवान शालिग्राम (Shaligram Bhagwan) को भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना जाता है। ऐसे में घर पर इनकी सेवा करने से साधक को जीवन में शुभ फल मिलने लगते हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद शालिग्राम जी को पंचामृत से स्नान कराएं और चंदन लगाएं। इसके बाद उन्हें चंदन, फूल, भोग आदि चढ़ाएं। अब उनके साथ घी का दीपक जलाएं और उसमें तुलसी के पत्ते डालकर अर्पित करें। अंत में परिवार सहित भगवान विष्णु की आरती करें। इसके बाद प्रसाद के रूप में पंचामृत का सेवन करें।
शालिग्राम जी की पूजा (Shaligram Puja) करते समय इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा आप पूजा के दौरान 9 बार हरे कृष्ण का जाप भी कर सकते हैं।
नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥
घर में जिस स्थान पर शालिग्राम जी की पूजा होती है उस स्थान को हमेशा साफ और पवित्र रखें। शालिग्राम की नियमित पूजा करनी चाहिए। उनकी पूजा का क्रम कभी नहीं टूटना चाहिए। घर में केवल एक ही शालिग्राम रखना शुभ माना जाता है, अन्यथा वास्तुदोष उत्पन्न हो सकता है। जिस घर में शालिग्राम जी की पूजा (Shaligram Puja) होती है उस घर में मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और साथ ही अपने आचार-विचार भी शुद्ध रखने चाहिए। शालिग्राम जी को कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाना चाहिए। लेकिन चावल को हल्दी से पीला करके चढ़ाया जा सकता है।
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