July 8, 2024 Blog

10 Mahavidyas: कौन हैं मां दुर्गा की 10 महाविद्याएं? जानें इनसे जुड़ा रहस्य

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल इसकी शुरुआत 6 जुलाई से हो चुकी है. इन 9 दिनों तक मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। जब यह शुभ समय चल रहा है तो आपके लिए इन 10 महाविद्याओं के बारे में जानना बेहद जरूरी है। कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता है।

10 Mahavidya: हिंदू धर्म में 10 महाविद्याओं की पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। देवी भागवत पुराण के अनुसार महाविद्याओं की उत्पत्ति भगवान शिव की पत्नी सती से हुई थी। तांत्रिक विद्या की सिद्धि के लिए गुप्त नवरात्रि के दौरान इन देवियों की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से वह सभी चीजें मिल जाती हैं जो बहुत मुश्किल से मिलती हैं। जब गुप्त नवरात्रि का पावन समय चल रहा है तो आइए जानते हैं इन महाशक्तियों के बारे में -

देवी काली
माँ काली (10 Mahavidya) को देवी के सबसे उग्र और शक्तिशाली रूपों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि देवी दिखने में जितनी उग्र हैं, उनका हृदय उतना ही पवित्र है। 

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10 Mahavidya
देवी तारा

देवी तारा का स्वभाव दयालु है। वह अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती हैं। माँ तारा देवी दुर्गा की दूसरी महाविद्या हैं। उन्हें जीवन की चुनौतियों के माध्यम से एक मार्गदर्शक के रूप में देखा जाता है।

देवी त्रिपुर सुंदरी

माता त्रिपुर सुंदरी का रूप अत्यंत मनमोहक है, जो प्रेम और आनंद को दर्शाता है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र विद्यमान है। मां दुर्गा का यह रूप (10 Mahavidya) सौंदर्य और सद्भाव से जुड़ा है।

देवी भुवनेश्वरी

मां भुवनेश्वरी को ब्रह्मांड की देवी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि वह संपूर्ण ब्रह्मांड को नियंत्रित करती हैं।

देवी भैरवी

भैरवी देवी का उग्र रूप है, वह अपने भक्तों को सभी बंधनों से मुक्त कर देती है। देवी लाल रंग के वस्त्र धारण करती हैं। मां की पूजा से (10 Mahavidya) धन-संपत्ति में अपार वृद्धि होती है।

देवी छिन्नमस्ता

छिन्नमस्ता एक अद्वितीय महाविद्या हैं, जिनका चित्रण एक कटे हुए सिर के साथ किया गया है। मां का यह रूप आत्म-बलिदान और अहंकार के अतिक्रमण का प्रतीक है।

देवी धूमावती

देवी धूमावती का स्वरूप एक विधवा स्त्री का है, जो अपने भक्तों के अभाव और संकट को दूर करती हैं। ऋग्वेद में इन्हें 'सूत्र' कहा गया है।

देवी बगलामुखी

शत्रु भय से मुक्ति और वाणी की प्राप्ति के लिए मां बगलामुखी (10 Mahavidya) की पूजा की जाती है। विरोधियों पर सुरक्षा और जीत के लिए अक्सर उनका आह्वान किया जाता है।

देवी मातंगी

माता मातंगी वाणी, संगीत और कला की देवी हैं। वह ज्ञान और रचनात्मकता से जुड़ी हैं। आपको बता दें, भगवान शिव का एक नाम मातंग भी है। इनकी आराधना से भक्तों को मातंगी महाविद्या की प्राप्ति होती है।

देवी कमला

देवी कमला, जिन्हें लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। मां कमला की पूजा विशेष रूप से समृद्धि, धन, स्त्री और पुत्र प्राप्ति के लिए की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से (10 Mahavidya) भक्त को धन और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।

10 महाविद्याओं की स्तुति / 10 Mahavidya Stotra

काली, तारा महाविद्या, षोडशी भुवनेश्वरी।

भैरवी, छिन्नमस्तिका च विद्या धूमावती तथा।।

बगला सिद्धविद्या च मातंगी कमलात्मिका।

एता दश-महाविद्याः सिद्ध-विद्याः प्रकीर्तिताः 

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.