June 19, 2024 Blog

Ashadh Month 2024: आषाढ़ माह में क्या करें और क्या न करें? यहां जानें

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीना 23 जून से शुरू हो रहा है. यह 21 जुलाई 2024 को समाप्त होगा। माना जाता है कि आषाढ़ माह (Ashadh Month 2024) में कुछ गलतियां करने से व्यक्ति को अपने काम में सफलता नहीं मिलती है और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इस माह में क्या करें और क्या न करें?

Ashadh Month 2024: हर माह पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस पूर्णिमा के साथ ही ज्येष्ठ माह समाप्त हो जाता है। इसके बाद आषाढ़ माह शुरू हो जाता है। सनातन धर्म में आषाढ़ माह को विशेष महत्व दिया गया है। इस दौरान भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 

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ashadh month
न करें ये कार्य
  • देवशयनी एकादशी आषाढ़ (Ashadh Month 2024) माह में आती है। इस एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ होता है। इस दौरान जनेऊ संस्कार, मुंडन, विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता है।
  • इस माह में जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। इससे पानी का अपमान माना जाता है।
  • आषाढ़ माह (Ashadh Month 2024) में देर तक नहीं सोना चाहिए। इससे इंसान का शरीर निरोगी रहता है।
  • इसके अलावा तामसिक चीजें जैसे शराब और मांस, मदिरा के सेवन से परहेज करना चाहिए।
करें ये कार्य
  • आषाढ़ माह (Ashadh Month 2024) में पिंडदान, तर्पण, स्नान और दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन कार्यों को करने से व्यक्ति को अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
  • शास्त्रों के अनुसार इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और सूर्य देव को जल चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए।
  • आषाढ़ माह (Ashadh Month 2024) में गर्मी अधिक होती है इसलिए लोगों को अपनी श्रद्धा के अनुसार जल, सत्तू आदि चीजों का दान करें। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है। 

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.