जन्म कुंडली में लग्नेश शुभ फल देने वाला, पंचम व नवमं भाव धन तथा चौथा भाव तथा दशम भाव सुख देते है । हर लग्न के व्यक्तियों के लिए अलग - अलग ग्रह शुभ व अशुभ होते है, जानते है मेष लग्न वालों के लिए कौनसे ग्रह शुभ है तथा कौन से अशुभ है –
मेष लग्न में मंगल लग्न भाव तथा अष्टम भाव का स्वामी होना शुभ होता है क्योकि इस लग्न का स्वामी हमेशा शुभ फल देता है । गुरु नवम भाव व बारहवे भाव का स्वामी है, बारहवा भाव सम है तथा नवम भाव त्रिकोण होने से तथा भाग्य स्थान होने से शुभ माना जाता है, इसलिए मेष लग्न वालों के लिए गुरु शुभ होता है ।
मेष लग्न में सूर्य पंचम भाव का स्वामी होता है, पंचम भाव त्रिकोण होने से शुभ माना जाता है इसीलिए सूर्य शुभ है ।
चन्द्रमा मेष लग्न में चौथे भाव का स्वामी है, केंद्र स्थान होने से चौथा भाव सम प्रभाव देता है, चंद्र मंगल का मित्र होने से शुभ फल देता है ।
मेष लग्न में शनि दशम भाव तथा ग्यारहवे भाव का स्वामी होता है । दशम भाव तो केंद्र स्थान होने से शुभ है लेकिन ग्यारहवा भाव शुभ भाव नहीं माना जाता, ग्यारहवे भाव का स्वामी शनि, मंगल का शत्रु होने से अशुभ है ।
मेष चर लग्न है और चर लग्न में ग्यारहवे भाव का स्वामी अशुभ माना जाता है, बुध ग्रह तीसरे व छटे भाव का स्वामी है तथा ये स्थान अशुभ है । मंगल व बुध शत्रु होने से ये अशुभ फल ही देगा, शुक्र दूसरे भाव तथा सप्तम भाव का स्वामी है, जो मारक भाव भी कहलाते है तथा मंगल का शत्रु है, इसलिए अशुभ फल देते है। मेष लग्न में राहु अशुभ प्रभाव तथा केतु शुभ प्रभाव देता है ।
इस प्रकार मेष लग्न वालों के लिए मंगल, गुरु, सूर्य शुभ, चंद्र सम तथा बुध, शुक्र, शनि व राहु अशुभ ग्रह माने जाते है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.