July 18, 2017 Blog

क्या होता है पंचमहापुरुष योग!

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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लेखक: सोनू शर्मा

जब किसी जातक की कुंडली में ग्रह किसी विशेष स्थान पर होते है तो वह राजयोग का निर्माण करते है । जब मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि ग्रह लग्न अथवा चंद्र से केंद्र में अपनी राशि में स्थित हो तो वह राजयोग का निर्माण करते है जिन्हे पंचमहापुरुष योग के नाम से जाना जाता है । इस योग में केंद्र में ग्रहों को अधिक महत्व दिया जाता है , यदि ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थित हो तो शुभता में वृद्धि होती है । आइये जानते है उन पांच योगों के बारे में -

१) रुचक योग - यदि मंगल लग्न अथवा चंद्र लग्न में केंद्र में स्वराशि या उच्च का होकर स्थित हो तो यह रुचक योग का निर्माण करता है । ऐसे जातक का शरीर स्वस्थ रहता है, वह धनी, भाग्यवान कई विद्याओं का ज्ञाता, गुप्त मंत्र को जानने वाला, सेना अध्यक्ष और लम्बी आयु वाला होता है ।

२) भद्रा योग - जब लग्न या चंद्र लग्न में केंद्र में स्वराशि हो या चंद्र उच्च का होकर बैठा हो तो वह भद्रा योग को बनाता है । ऐसे व्यक्ति बलवान, सौम्य शरीर, भावुक तथा परिवार व मित्र से अच्छे व्यव्हार करने वाले होते है, उनका चेहरा सिंह के समान दमकने वाला होता है ।

३) हंस योग - जब गुरु लग्न या चंद्र लग्न से केंद्र में स्वराशि या उच्च का हो तो वह हंस योग कहलाता है, इस योग वाले व्यक्ति उच्च व्यवसाय करने वाले, बुद्धि, विवेक वाले तथा पैसा कमाने वाले होते है । यदि सप्तम भाव में ऐसे योग का निर्माण हो तो वह प्रसिद्ध व्यवसायी होता है ।

४)  शश योग - यदि शनि लग्न या चंद्र राशि से केंद्र में स्वराशि का या उच्च का होकर स्थित हो तो शश योग कहलाता है, ऐसा जातक धनी, कारखानों का मालिक, नौकर चाकर युक्त, जमींदार, तथा दूसरो के धन का उपयोग करने वाला होता है ।

५) मालव्य योग - जब शुक्र लग्न या चंद्र लग्न से केंद्र में स्वराशि का या उच्च का होकर स्थित हो तो मालव्य योग कहलाता है, यह योग अधिकतर अभिनेताओं की कुंडली में देखने को मिलता है ।

Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.