February 21, 2024 Blog

Ganesh Puja: बुधवार के दिन कर लें ये खास पाठ, घर से कभी नहीं जाएंगी मां लक्ष्मी

BY : STARZSPEAK

Ganesh Puja: बुधवार के दिन गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है। जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उन्हें यह पाठ जरूर पढ़ना चाहिए। जानिए गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का महत्व

Ganesh Lakshmi Stotram: हिन्दू धर्म में गणपति जी को प्रथम पूजनीय माना जाता है। बप्पा की कृपा से सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन बहुत से लोग बुद्धि बढ़ाने, आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य और संतान की उन्नति के लिए गौरी पुत्र गणेश की पूजा, व्रत, उपाय और टोटके करते हैं।

मान्यता है कि बुधवार के दिन गणेश लक्ष्मी स्तोत्र (Ganesh Puja) का पाठ करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है। जो लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं उन्हें यह पाठ जरूर पढ़ना चाहिए। आइए जानते हैं गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का महत्व और विधि।

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ganesh puja
गणेश लक्ष्मी स्तोत्र महत्व (Ganesh Laxmi Stotram Significance)

पौराणिक कथाओं के अनुसार गणपति जी को देवी लक्ष्मी का दत्तक पुत्र माना जाता है। गणपति के बिना लक्ष्मी पूजा अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गणेश लक्ष्मी स्तोत्र को बहुत लाभकारी माना जाता है। जो व्यक्ति इस पाठ को प्रतिदिन पढ़ता है वह धनवान रहता है। विशेषकर जो व्यक्ति बुधवार के दिन श्रद्धापूर्वक गणपति के गणेश लक्ष्मी स्तोत्र (Ganesh Puja) का पाठ करता है, उसके घर से देवी लक्ष्मी कभी नहीं जातीं और उसे हर सुख की प्राप्ति होती है और संकटों का नाश होता है।

गणेश लक्ष्मी स्तोत्र पाठ विधि (Ganesh Laxmi Stotram Puja Vidhi)
  • बुधवार के दिन कुश के आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  • हल्दी से पीले चावल पर भगवान गणेश (Ganesh Puja) की मूर्ति रखें, उनके साथ देवी लक्ष्मी का चित्र भी स्थापित करें और उसकी विधिवत पूजा करें।
  • गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं और गुड़ के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं।
  • अब गणेश लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें और फिर आरती करें.

गणेश लक्ष्मी स्तोत्र पाठ (Ganesh Laxmi Stotram Path)

ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने ।

दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥

लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपशोभितम् ।

अर्धचन्द्रधरं देवं विघ्नव्यूहविनाशनम् ॥ २॥

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः हेरम्बाय नमो नमः ।

सर्वसिद्धिप्रदोऽसि त्वं सिद्धिबुद्धिप्रदो भव ॥ ३॥

चिन्तितार्थप्रदस्त्वं हि सततं मोदकप्रियः ।

सिन्दूरारुणवस्त्रैश्च पूजितो वरदायकः ॥ ४॥

इदं गणपतिस्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः ।

तस्य देहं च गेहं च स्वयं लक्ष्मीर्न मुञ्चति ॥ ५॥

इति श्रीगणपतिस्तोत्रम् (२) सम्पूर्णम् ।

गणेश लक्ष्मी श्रीगणपतिस्तोत्रम् हिंदी अर्थ सहित

ॐ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने ।

दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥ १॥


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