February 14, 2024 Blog

Why Mahashivratri is Celebrated: इस दिन होगा मासिक शिवरात्रि का पारण, जानें तिथि और पूजा नियम

BY : STARZSPEAK

Why Mahashivratri is Celebrated: मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्ची श्रद्धा से शिव परिवार की पूजा करते हैं उन्हें उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा संबंधी परेशानियां हैं उन्हें उनसे छुटकारा पाने के लिए यह व्रत (Masik shivratri 2024) अवश्य करना चाहिए।

Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि व्रत का हिंदुओं में बहुत धार्मिक महत्व है, क्योंकि यह भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त इस शुभ दिन पर बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ उपवास रखते हैं। यह दिन हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है। माघ माह में यह 8 फरवरी 2024 दिन गुरुवार यानि आज रखा जाएगा।

यह भी पढ़ें - StarzSpeak स्पेशल: अयोध्या दर्शन गाइड

Why Mahashivratri is Celebrated
मासिक शिवरात्रि पारण समय

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है. इसकी शुरुआत सुबह 11:17 बजे होगी. इसका समापन शुक्रवार, 9 फरवरी 2024 को सुबह 8:02 बजे होगा. ऐसे में यह व्रत 9 फरवरी को तोड़ा जाएगा.

मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव को है समर्पित

मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन (Why Mahashivratri is Celebrated) भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर, भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे अपने परिवार की खुशहाली के लिए व्रत भी रखते हैं। इसके अलावा इस दिन लोग कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी करते हैं।

साथ ही इस शुभ दिन पर लोग शिव मंदिर जाते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा से संबंधित परेशानियां हैं उन्हें उनसे छुटकारा पाने के लिए यह व्रत करना चाहिए।

मासिक शिवरात्रि पूजा नियम / Mahashivratri 2024
  • भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान शिव को सफेद चंदन और माता पार्वती को कुमकुम लगाएं।
  • मां गौरी को शृंगार का सामान चढ़ाएं।
  • भक्त मंदिर जाएं और शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
  • पंचाक्षरी मंत्र और महामृत्युंजय का जाप करें।
  • शाम के समय भी भगवान शिव की पूजा करें और चावल की खीर का भोग लगाएं।
  • अंत में शिव परिवार की आरती करें।
  • पूजा के बाद शंखनाद करें।

यह भी पढ़ें - Shiv ji ki Aarti: भगवान शिव की आरती करने से पहले जानें जरूरी बातें, फिर पढ़ें जय शिव ओंकारा स्वामी...