February 6, 2024 Blog

Basant Panchami 2024 Puja Vidhi: बसंत पंचमी के दिन ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, ज्ञान का मिलेगा वरदान

BY : STARZSPEAK

सनातन धर्म में बसंत पंचमी का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती के लिए बेहद खास माना जाता है। इसे श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल बसंत पंचमी (Basant Panchami 2024) का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।

Basant Panchami 2024: देशभर में बसंत पंचमी का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सनातन धर्म में बसंत पंचमी का दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती के लिए बेहद खास माना जाता है। इस त्यौहार को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को मनाया जाएगा. मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप भी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं तो आपके लिए बसंत पंचमी की पूजा विधि के बारे में जानना बहुत जरूरी है, ताकि पूजा में कोई बाधा न आए। आइए जानते हैं बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

बसंत पंचमी 2024 का शुभ मुहूर्त
दैनिक पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02:41 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 14 फरवरी को दोपहर 12:09 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी. बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन आप मां सरस्वती की पूजा सुबह 7 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच कर सकते हैं।

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basant panchami 2024
बसंत पंचमी पूजा विधि / Basant Panchami

  • बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और दिन की शुरुआत मां सरस्वती के दिन ध्यान से करें।
  • इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें। क्योंकि मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है।
  • अब चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करें।
  • अब उनको पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें और पीले रंग का पुष्प, रोली, केसर, हल्दी, चंदन और अक्षत चढ़ाएं।
  • इसके बाद घी का दीपक जलाएं और आरती करें। मां सरस्वती के मंत्रों का जाप और मां सरस्वती स्तुति का पाठ करें।
  • अंत में पीले चावल, फल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • इसके पश्चात लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
मां सरस्वती के मंत्र / Maa Saraswati Mantra

  1. या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

          या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।

          या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

          सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।


  1. ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।

           कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।

           वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।

           रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।

           सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:। 

           वन्दे भक्तया वन्दिता च।।

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