January 3, 2024 Blog

Masik Kalashtami 2024: इस दिन है पौष माह की कालाष्टमी, जानें पूजा का महत्व और विधि

BY : STARZSPEAK

कालाष्टमी के दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा करने की परंपरा है। बाबा काल भैरव (Kalashtami) को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन से दुख, दरिद्रता और परेशानियां दूर हो जाती हैं।

Paush Masik Kalashtami 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस बार पौष मास की कालाष्टमी का व्रत 04 जनवरी को मनाया जा रहा है। कालाष्टमी के दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा करने की परंपरा है। बाबा काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है।

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Masik Kalashtami

इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन से दुख, दरिद्रता और परेशानियां दूर हो जाती हैं। कालाष्टमी व्रत के दिन शिवालयों और मठों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान शिव के रूप में काल भैरव का आह्वान किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं पौष मास की कालाष्टमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में... 

पौष मास की कालाष्टमी तिथि और मुहूर्त

पौष मास की कालाष्टमी तिथि 03 जनवरी 2024 को शाम 07:48 बजे शुरू हो रही है. इसका समापन 4 जनवरी 2024 को रात 10:04 बजे होगा. ऐसे में इस साल पौष मास की कालाष्टमी  (Kalashtami) का व्रत 04 जनवरी 2024, गुरुवार को रखा जाएगा.

कालाष्टमी की पूजन विधि (Kalashtami Puja Vidhi)
  • कालाष्टमी की पूजा के लिए सबसे पहले शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल को साफ करें और काल भैरव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • इसके बाद घर में गंगाजल छिड़कें और उन्हें फूल अर्पित करें।  
  • अब काल भैरव को धूप, दीप से पूजन कर नारियल, इमरती, पान, मदिरा का भोग लगाएं।  
  • इसके बाद काल भैरव के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं।
  • पूजा के दौरान भैरव चालीसा और मंत्रों का पाठ करें।
  • पूजा के अंत में आरती करें और काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करें।  
मासिक कालाष्टमी व्रत का महत्व

मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन व्रत रखने और बाबा काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन  (Kalashtami) व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और शुभ फल प्राप्त होता है। बाबा भैरव की पूजा करने से शत्रुओं से भी मुक्ति मिलती है।

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