Diwali 2023 Date: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी काली का स्वरूप बहुत खतरनाक माना जाता है लेकिन भक्तों के लिए यह स्वरूप बहुत शुभ है। काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इसके अलावा इस दिन छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं छोटी दिवाली पर मां काली की पूजा विधि।

मां काली को कालिका, कालरात्रि आदि कई नामों से जाना जाता है। ज्यादातर भक्त दिवाली पर्व की अमावस्या तिथि को देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, लेकिन दिवाली से एक दिन पहले यानी छोटी दिवाली के दिन काली मां की पूजा की जाती है। ऐसे में इस साल काली पूजा 11 नवंबर को की जाएगी।
काली चौदस - Kali Chaudas की पूजा करने से पहले अभ्यंग स्नान यानी नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पहले शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करना आवश्यक माना जाता है। स्नान के बाद शरीर पर परफ्यूम लगाएं और एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर मां काली की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद विधि-विधान से मां काली की पूजा करते हुए मां के समक्ष दीप जलाएं। इसके बाद मां कालिका को कुमकुम, हल्दी, कपूर और नारियल अर्पित करें।
मां काली के मंत्रों - Kali Mantra का जाप करने के लिए लाल चंदन की माला को सबसे उत्तम माना गया है। ऐसे में मां कालरात्रि की पूजा के दौरान लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप जरूर करें।
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही साधक को जीवन में आ रही समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है।
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