धनतेरस से ही दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है. धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने की परंपरा है। धनतेरस के दिन शुभ वस्तुएं घर लाने की भी परंपरा है।
Dhanteras 2023: हिंदू धर्म में धनतेरस को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धनतेरस से ही दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है. धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने की परंपरा है। धनतेरस के दिन शुभ वस्तुएं घर लाने की भी परंपरा है।
धनतेरस के दिन कुल 13 दीपक जलाने चाहिए लेकिन इनमें से 5 दीपकों का मुख्य स्थान होता है। धनतेरस (Dhanteras 20223) के दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करने के बाद सबसे पहले शाम के समय दक्षिण दिशा में भगवान यम के लिए एक दीपक जलाना चाहिए।
इसके बाद दो दीपक घर के मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए, फिर चौथा दीपक तुलसी के पौधे के पास जलाना चाहिए और अंत में पांचवां दीपक घर की छत पर जलाना चाहिए। इसके अलावा घर के 13 कोनों में 13 दीपक जलाने चाहिए।
जब हर जगह दीपक जलते हैं तो घर के मंदिर के सामने भी एक अखंड दीपक जलाना चाहिए। इस अखंड दीये को भाई दूज तक लगातार जलाते रहना चाहिए। ध्यान रखें कि सभी दीपक घी से ही जलाएं, तेल का प्रयोग न करें।
मान्यता है कि यमराज के लिए दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। धनतेरस (Dhanteras 20223) के दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता आती है, तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में समृद्धि आती है।
वहीं धनतेरस (Dhanteras 20223) के दिन घर की छत पर दीपक जलाने से राहु का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है और ग्रह भी शांत हो जाते हैं। इसके अलावा घर का वास्तु दोष भी दूर हो जाता है।
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