Vastu Tips: सनातन धर्म में यह माना गया है कि यदि रोटी बनाते समय नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे माता अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे व्यक्ति के घर में अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं कि रोटी बनाते समय किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
उत्तर भारत के राज्यों में रोटी भोजन का एक प्रमुख हिस्सा है। हर घर में सुबह-शाम रोटी जरूर बनाई जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने और रोटी परोसने तक कई नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति को बुरे दिनों का सामना नहीं करना पड़ता।
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आटा गूंथने और रोटी बनाने के लिए हमेशा साफ बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए और न ही कभी रोटी बनाने के बाद तवे और बेलन को गंदा छोड़ना चाहिए। इन्हें तुरंत साफ करके रख दें। वरना लक्ष्मी मां नाराज हो सकती हैं।
धर्म शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि हमेशा पहली रोटी गाय के लिए निकलनी चाहिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए निकालनी चाहिए। इसलिए हमेशा पहली रोटी गाय को खिलाएं और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलाएं।
बासी आटे की रोटी बनाना शुभ नहीं माना जाता। इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सही नहीं माना गया है। इसलिए कभी भी बासी आटे की रोटी न बनाएं। यदि आटा बच जाता है तो उसकी रोटी बनाकर कुत्ते को खिला सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। ऐसे में रोटी बनाते समय भी दिशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रोटी बनाते समय बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। वहीं गैस चूल्हा रखने की सही दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा मानी गई है। इन बातों का ध्यान रखने पर मां अन्नपूर्णा की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।
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