Rishi Panchami 2023: हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का विशेष महत्व है। यह दिन मुख्य रूप से सप्तर्षियों को समर्पित है। इस दिन व्रत रखा जाता है. इस व्रत में ब्राह्मणों को दान देने का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि अगर जीवन में जाने-अनजाने में कोई गलती हो गई हो तो ऋषि पंचमी का व्रत करने से उससे छुटकारा मिल जाता है।
ऋषि पंचमी हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है। आमतौर पर ऋषि पंचमी हरतालिका तीज के दो दिन बाद और गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाई जाती है। इस साल ऋषि पंचमी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों व्रत रखने से व्यक्ति जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं ऋषि पंचमी - Rishi Panchami व्रत की विधि क्या है।
यह व्रत महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मासिक धर्म के दौरान रसोई या खाना पकाने का काम करने से मासिक धर्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में ऋषि पंचमी - Rishi Panchami का व्रत करने से इस दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है और सप्तर्षियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भी माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। अगर गंगा स्नान करना संभव न हो तो आप घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
पंचमी तिथि 19 सितंबर, मंगलवार को दोपहर 01:43 बजे शुरू होगी. इसका समापन 20 सितंबर को दोपहर 02:16 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार ऋषि पंचमी - Rishi Panchami का व्रत 20 सितंबर को रखा जाएगा और व्रत की पूजा का समय सुबह 11.19 बजे से 01.45 बजे तक रहेगा.
ऋषि पंचमी - Rishi Panchami के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें। इसके बाद घर और मंदिर को अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद धूप, दीप, फल, फूल, घी, पंचामृत आदि पूजन सामग्री एकत्र करें और एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। चौकी पर सप्तऋषि का चित्र लगाएं।
आप चाहें तो अपने गुरु की फोटो भी लगा सकते हैं। अब उन्हें फल, फूल और नैवेद्य आदि अर्पित करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें। इसके बाद आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांट दें। इस दिन बड़ों का आशीर्वाद भी लेना चाहिए।
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