January 20, 2023 Blog

जय अम्बे गौरी: श्री दुर्गाजी की आरती – Durga Aarti Lyrics

BY : STARZSPEAK

Durga Aarti Lyrics: देवी दुर्गा शक्ति, शक्ति और सुंदरता का प्रतीक हैं। उन्हें योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है और नवरात्रि के दौरान लोग नौ अलग-अलग रूपों में उनकी पूजा करते हैं। आमतौर पर, दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते समय मंत्रों का उच्चारण करते हैं और भजन गाते हैं। इस दौरान माता की पूजा करने वाले लोग उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आरती उतारते हैं और भजन गाते हैं। अगर आप देवी दुर्गा की आरती करना चाहते हैं, तो आप इसके बारे में यहां पढ़ सकते हैं। (Durga Aarti Lyrics)


आरती करने का महत्व (Importance of performing Aarti)


नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा के बाद आरती करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि बिना आरती (Durga Aarti Lyrics) के पूजा अधूरी समझी जाती है। मां दुर्गा की पूजा में आरती का एक खास महत्व है, जो श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। उत्तर स्कंद पुराण में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति पूजा की विधि और मंत्रों से अनजान हो, लेकिन आरती पूरी श्रद्धा से करता है, तो देवी-देवता उसकी पूजा को सम्पूर्ण रूप से स्वीकार कर लेते हैं।

आरती का न केवल धार्मिक, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्व है। जब घी और कपूर से सजी रुई की बाती जलती है, तो वातावरण में एक शुद्ध और मधुर सुगंध फैलती है, जो नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
इसके अलावा, आरती के दौरान (Durga Aarti Lyrics) बजने वाली शंख और घंटी की ध्वनियों के साथ जब हम मां भगवती का ध्यान करते हैं, तो हमारे मन में जो द्वंद्व होते हैं, वे समाप्त होने लगते हैं। यह हमें मानसिक शांति और शारीरिक ऊर्जा प्रदान करता है, और हम महसूस करते हैं कि मां की आशीर्वाद और कृपा हमारे साथ है।

आरती करते समय रखे इन बातो के ध्यान 



मां दुर्गा की आरती (Durga Aarti Lyrics) करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
  • सबसे पहले, रुई की बत्तियां बनाकर उन्हें घी में डालें, फिर घी से निकाल कर इन बत्तियों को विषम संख्या में (जैसे 3, 5 या 7) दीपक में रख कर जलाएं।
  • एक थाली या प्लेट में दीपक रखें और इसके साथ-साथ पुष्प और कपूर भी रखें।(Durga Aarti Lyrics)
  • आप घर में एक बत्ती से भी आरती कर सकते हैं, लेकिन पूजा स्थलों पर सामान्यतः पांच बत्तियों से आरती की जाती है, जिसे पंच प्रदीप कहते हैं।
  • शंख और घंटा बजाते हुए मां की आरती करें, ताकि वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
  • आरती की थाली को मां दुर्गा की मूर्ति के सामने इस प्रकार घुमाएं कि वह ऊपर से नीचे गोलाकार दिशा में हो, यानी घड़ी की सुई की दिशा में आरती घुमाना चाहिए।

 

Durga aarti jai ambe gauri lyrics hindi – जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
 
|| दुर्गा माँ की आरती ||

|| Durga Aarti Lyrics ||

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निसदिन ध्यावत हरि ब्रम्हा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
 
मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमदको।
उज्जवल से दोऊ नैना चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
 
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे।
रक्तपुष्प गल माला कण्ठन पर साजे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
 
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी।
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
 
कानन कुंडल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत सम ज्योति॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
 
शुंभ निशंभु विदारे महिषासुरधाती।
धूम्रविलोचन नैना निशदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।


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Durga Aarti Lyrics

चण्ड मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे।
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

ब्रम्हाणी रुद्राणी तुम कमलारानी।
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

चौसंठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा अरु डमरु॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुख हरता सुख सम्पत्ति कर्ता॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बात्ती।
श्री माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। 

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी॥


आरती करने के लाभ  (Benefits Of Doing Aarti)

  • मां दुर्गा की पूजा में जो भी त्रुटियाँ रह जाती हैं, उन्हें आरती से दूर किया जा सकता है।
  • आरती के बाद, दोनों हथेलियों को थोड़ी देर तक ज्योति के ऊपर रखें और फिर उसे अपने मस्तक, नाक, कान, आंख, और मुंह पर छू लें। इससे हमारे हाथों में शुद्ध और तेज़ तत्व का संचार होता है।
  • आरती करना ही नहीं, बल्कि उसे देखना भी पुण्य का काम है। जो व्यक्ति मां दुर्गा की आरती (Durga Aarti Lyrics) देखता है और दोनों हाथों से आरती लेता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।



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