January 19, 2023 Blog

Shiv Ji Ki Aarti "Om Jai Shiv Omkara": शिवजी की आरती: ओम जय शिव ओंकारा

BY : STARZSPEAK

आरती और भजन भगवान शिव के प्रति सम्मान दिखाने का एक तरीका है। जब आप आरती करते हैं, तो आप कह रहे हैं कि आप भगवान शिव के उन सभी अच्छे कामों के लिए बहुत आभारी हैं जो उन्होंने आपके लिए किए हैं। शिवजी की आरती के दौरान आप उनकी शक्ति और अपने प्रति उनके प्रेम को महसूस कर सकते हैं। शिवजी की आरती इतनी महत्वपूर्ण है कि सावन सोमवार और शिवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर भी लोग इसमें आस्था रखते हैं। आप चाहें तो प्रतिदिन भगवान शिव की आरती भी कर सकते हैं।


शिवजी की आरती

|| ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | 
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||


शिवजी की आरती - Shiv Ji ki Aarti

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
 
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
 
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
 
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
 
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥


Shiv Ji Ki Aarti
 

कर मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥

ॐ जय शिव ओंकारा ॥
 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥ 

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

 

जय शिव ओंकारा, हर शिव ॐ जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॥

शिव आरती भोलेनाथ को प्रसन्न करने की प्रार्थना है और कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा के बिना पूजा अधूरी है। शिव जी की आरती घी में भीगी रुई की बत्ती और कपूर से करनी चाहिए, क्योंकि पूरी दुनिया में भगवान शिव के अनेक भक्त हैं।


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