May 6, 2020 Blog

पीतल के बर्तन घर में रखना शुभ क्यों माना जाता है, जानिये

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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आप आज भी देश के किसी भी छोटे शहर या गांवों में जाकर देखेंगे तो आपको वहां पर पीतल के बर्तन का उपयोग दिखाई देगा। पुराने समय में लोग पीतल के बर्तनो को शुभ मानते थे। आमतौर पर यह माना जाता था कि पीतल के बर्तनो को घर में रखंने से सुख और समृद्धि आती हैं। पीतल के बर्तन में रखा पानी पीने से ताकत और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इसके अलावा, पीतल के बर्तनो में खाना खाने से कई बीमारियां जैसे पित्त,जलन, आक्रामकता आदि को सही किया जा सकता हैं। इससे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और हमारी त्वचा की स्थिति में सुधार आकर त्वचा चमकदार बनती है।

हर कोई अपने घर में शांति और समृद्धि चाहता है और इसे बनाए रखने के लिए कई प्रकार के उपाय आदि का उपयोग करता हैं जिससे हमें बहुत मदद मिलती है। हमारे पास ऐसे कई तरीके होते हैं जिनसे हम अपने घर की शांति बढ़ाने के साथ-साथ घर की सजावट में भी उपयोग कर सकते हैं। ऐसे कई तरह  के प्रोडक्ट्स होते है जैसे वास्तु के प्रोडक्ट्स, फेंग शुई के प्रोडक्ट्स आदि। आप इनमे से कोई भी उत्पाद चुन सकते हैं और प्रत्येक प्रोडक्ट का अपना महत्व होता है। ऐसे में एक प्रोडक्ट आता है पीतल के बरतन जो घर में उपयोग होने के साथ -साथ घर में खाना बनाने और खाना खाने, पानी पीने, सजावट करने के लिए भी उपयोग किये जा सकते हैं।

पीतल के बर्तन घर में रखना शुभ माना जाता है। पीतल जिसको इंग्लिश में ब्रास (Brass) कहा जाता है , एक मिश्रित धातु होती है। पीतल तांबा और जस्ता धातुओं के मिश्रण से बना होता है। पीतल शब्द एक संस्कृत शब्द हैं जो पीत से बना है और इसका अर्थ होता हैं  - पीला। पीले रंग को हिन्दू धर्म में और धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है। इस प्रकार पीतल पीले रंग का होने के कारण शुद्ध माना जाता हैं। आयुर्वेद और सनातन धर्म में पीतल के बर्तनो को शुभ बताया गया है। इसी प्रकार ज्योतिष में भी पीतल के बर्तनो को महत्वपूर्ण बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति गुरु को पीले रंग से सम्बंधित माना गया हैं और पीतल पर बृहस्पति का आधिपत्य होता है। जब कभी बृहस्पति ग्रह अशांत हो जाता है तो पीतल से इस ग्रह को शांत किया जाता है।

आइये जानते है पीतल के बर्तन घर में रखना शुभ क्यों होता हैं -

  • घर का वातावरण - पीतल के बर्तन रखने से घर का वातावरण शुद्ध और शांत रहता हैं। इसी के साथ पीतल के बर्तनो से घर में चमक बानी रहती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं। अगर आप घर का वातारवरण शुद्ध और शांत रखना चाहते है तो आप पीतल के बर्तन यानि उरली  - पीतल के कटोरे में घर में पानी भरकर रख सकते है। इस कटोरे में पानी भरकर रखने से घर में पवित्र ऊर्जा का प्रवाह होता हैं और वातावरण में बहुत अच्छी ऊर्जा आती हैं।
  • धन और समृद्धि - घर में पीतल के बर्तन रखने से घर में धन और समृद्धि आती हैं। व्यक्ति को जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती। जिस प्रकार पानी का तात्पर्य धन से होता हैं, इसलिए पीतल के बर्तन में पानी रखने से घर में धन का प्रवाह होता हैं। घर में पानी को पीतल के बर्तन में रखने से घर की सजावट के साथ-साथ घर में समृद्धि भी आती हैं।
  • पूजा घर में पीतल के बर्तन - जिस घर में पीतल के बर्तनो का पूजा में उपयोग लाया जाता है उस घर में शान्ति और सुख हमेशा वास करता हैं। पीतल को धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ में शुभ माना जाता हैं और पीतल पीले रंग का होने के कारण सुख और शांति लाता हैं।
  • घर के सदस्यों को ऊर्जा - जिस घर में पीतल के बर्तनो को रखा और उपयोग किया जाता है उस घर के लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं। जब घर के लोग पीतल के बर्तन उपयोग करते है तो पीतल के बर्तनो को चुने से उनमे एक ऊर्जा आती है जिससे उनमे सकारक मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं। उनके विचार सकारात्मक होते है और वो मानसिक शांति पाते हैं।
  • पीतल के बर्तन में खाना - जिस प्रकार पीतल घर में रखना शुभ माना जाता है, उसी रकार पीतल के बरतनों में खाना खाने से घर के लोग स्वस्थ रहता है और उनका स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता हैं। पीतल के बर्तनों में भोजन स्वादिष्ट होने के साथ -साथ पीतल के गुण अपने में लेने से स्वास्थ्य को भी बढ़ा देता हैं। पीतल में खाना खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती हैं।
  • ऊर्जा की बचत - पीतल के बर्तन जल्दी गर्म होने की वजह से ऊर्जा की बचत करते हैं। पीतल के बर्तन अन्य धातुओं जैसे स्टील, एल्युमीनियम आदि से ज्यादा मजबूत होते है और जल्दी से नहीं टूटते है।
  • स्वास्थ्य की दृष्टि से - पीतल के बर्तन उपयोग करने से जैसे उनमे खाना खाने से, पानी पीने से, खाना पकाने से आदि हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता हैं। पीले रंग के पीतल के बर्तन आंखों के लिए ऊर्जा का काम करते हैं। हमारी पाचन शक्ति मज़बूत होती हैं। हमारा इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है और हम बिमारियों से बचें रहते हैं। जिन लोगों को सांस की समस्या, छाती में दर्द, हड्डियों के रोग आदि होने की संभावना होती है, उन्हें पीतल के बर्तनो के उपयोग से उपचार किया जा सकता है।

ज्योतिष के अनुसार, पीतल का महत्व  -

  • अगर आप अपना भाग्य जगाना चाहते है तो पीतल के बर्तन में चने की दाल को रात भर भिगोकर अपने बेड के साथ रखें और सुबह होने चने की दाल में गुड़ मिलाकर किसी सफ़ेद गाय को खिला दें। ऐसा करने से आपका भाग्य चमक उठेगा और आपके दुःख दूर होंगें।
  • आर्थिक तंगी से झुंझ रहे है तो पीतल के कटोरे में देसी घी पूर्णिमा के दिन भगवान् श्री कृष्ण को अर्पण करें। आप चाहे तो इस घी को भगवान् कृष्ण का नाम लेकर किसी ब्राह्मण या गरीब को दे सकते हैं। \
  • घर में हमेशा लक्ष्मी का वास रहें इसके लिए शुद्ध घी का पीतल के दीये में दीप जलाएं और वैभवलक्ष्मी का पूजन करें। ऐसा करने से लक्ष्मी खुश रहेगी और आप के घर में इसका वास रहेगा।
  • अगर दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ रहा हैं तो इससे मुक्ति पाने के लिए पीतल की कटोरी में दही लेकर अपने घर के सारे कोनों में दिखाकर कटोरी के साथ दही को पीपल के नीचे रख दें और मुड़कर ना देखें।
  • अगर आप अपना सौभाग्य जगाना चाहते है तो एक पीतल के कलश में चने की दाल घर में भरकर रख दें और सत्यनारायण भगवान की पूजा करें। पूजा करने के बाद विष्णु भगवान् के मंदिर में इस कलश को चढ़ाएं।
Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.