By: Rajnisha
रक्षाबंधन हिन्दुओ का एक मुख्य त्यौहार है | हिन्दू धर्म में पति -पत्नी, भाई- बहन , माता -पुत्र आदि से संबंधित अनेको व्रत एवं त्यौहार मनाये जाते है | रक्षाबंधन का त्यौहार पौराणिक काल से भाई बहन और रक्षा से संबंधित रहा है | भगवान विष्णुको पुनः प्राप्त करने के लिए माता लक्ष्मी ने राजा बलि को अपना भाई बना कर उनसे अपने पति को पुनः प्राप्त किया | इसी प्रकार देवासुर संग्राम में जब देवराज इंद्र की हार होने लगी तो देवराज इंद्र की पत्नी रानी शचि ने रक्षासूत्र बनाया जिसे देवराज इंद्र ने ब्राह्मणो से मंत्रो द्वारा अधिमंत्रित करवा कर बंधवाया और देवासुर संग्राम में विजय प्राप्त की | तभी से ब्राह्मणो द्वारा रक्षा सूत्र बाँधने की परम्परा प्रारम्भ हुई | इसके बाद रानी दौपदी ने जब भगवान कृष्ण की चोट लगी ऊँगली पर राखी बाँधी तब भगवान कृष्ण ने अपना वचन पूरा करते हुए दौपदी के सम्मान की रक्षा द्युत सभा में की | कलयुग में भी रानी कर्मावती और हुमायु का वर्णन हने प्राप्त होता है | इस प्रकार युगो युगो से राखी का त्यौहार रक्षा और वचन का पर्याय बना हुआ है |
3 अगस्त 2020 को यानि सावन के समापन के साथ पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी।
आइये जानते है इस बार राखी बाँधने के शुभ मुहूर्त और समय क्या है -
इन मुहूर्त में सभी बहने अपने भाइयो राखी बाँध सकती है | अमृत मुहूर्त के समय में राखी बाँधना सबसे शुभ माना जाता है | इसलिए सभी बहने अपने भाइयो को अमृत मुहूर्त में ही राखी बाँधने का प्रयास करे |
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.