लेखक: सोनू शर्मा
आज के इस आधुनिक समाज में हर कोई ये कहता है की पुरुषों और महिलाओं में कोई फ़र्क नहीं है और दोनों को एक दुसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए लेकिन क्या वाकई में ऐसा है? शायद नहीं। आज भी हमारे इस दोगले समाज में महिलाओं को दकियानूसी सोच का शिकार होना पड़ता है । महिलाओं में होने वाला पीरियड्स भी इसी दकियानूसी सोच को दर्शाता है, पीरियड्स के दौरान महिलाओं के साथ अछूत जैसा व्यव्हार किया जाता है और उन्हें पिछड़े हुए रिवाजों का शिकार होना पड़ता है ।
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों हर महीने महिलाओं को भोगनी पड़ती है ये पीड़ा ? पौराणिक कथाओं के अनुसार किसी बात को लेकर 'गुरु बृहस्पति' इंद्र देव से बहुत नाराज थे और इसी बात काफायदा उठाकर असुरों ने देवलोक पर आक्रमण कर दिया और इंद्र देव को अपनी रक्षा के लिए ब्रह्मा जी के पास मदद माँगने के लिए जाना पड़ा । ब्रह्मा जी ने इंद्र देव को ब्रह्म ज्ञानी की सेवा करने कीसलाह दी । इंद्रदेव इस बात से बेखबर थे की उस ज्ञानी की माता असुर थी और ज्ञानी को असुरो से बहुत लगाव था । वो सच्चे मन से ज्ञानी की सेवा करने लगे लेकिन जब उन्हें इस बात का पता चला तो वह बहुत क्रोधित हो गए और अपना आपा खो बैठे और उन्होंने ज्ञानी की हत्या कर दी ।
हत्या के दोष से बचने के लिए वह भगवान विष्णु की तपस्या करने लगे और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर विष्णु जी ने इंद्रदेव को बचा लिया और उन्हें सलाह दी कि ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्त होने केलिए इंद्रदेव को अपना पाप पेड़, भूमि, जल और स्त्री में बाँटना होगा तथा उन्हें एक वरदान भी देना होगा ।
इंद्रदेव के इसी श्राप के कारण स्त्री को मिला मासिक धर्म और उन्हें हर महीने भोगनी पड़ती है ये पीड़ा और साथ ही इंद्रदेव ने उन्हें यह वरदान दिया की वह पुरुषों के मुकाबले काम का आनंद ज्यादाअच्छी तरह ले पाएँगी।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.