May 4, 2018 Blog

ऐसी मस्तिष्क रेखा दिलाती है विश्व में ख्याति!

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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लेखिका : रजनीशा शर्मा


मस्तिष्क रेखा जिसे बुद्धि रेखा के नाम से भी जाना जाता है आपके बौद्धिक विकास को दर्शाता है | आइये जानते है की आपकी मस्तिष्क रेखा कैसे आपको अन्वेषक या प्रसिद्ध समाज सुधारक बनाती है -

         1 - गोल आकार एवं उभारदार , अंगूठे और तर्जनी ऊँगली के बीच  से निकल कर दूसरे छोर तक पहुंचने वाली रेखा सबसे अच्छी मानी जाती है | यदि यह रेखा एक सिरे से निकल कर दूसरे सिरे तक पहुंच जाए तो ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान एवं दूरदर्शी होता है | ये अन्वेषक एवं उच्च कोटि के समाज सुधारक होते है |


2 - ऐसी रेखा यदि किसी गृहणी के हाथ में हो तो वह अपनी गृहस्थी बड़ी सूझ बूझ के साथ एवं चतुराई से चलाती है | उनका परिवार सुखी एवं समृद्ध रहता  है | ऐसी स्तरीय अपने बच्चो की परवरिश बहुत ही अच्छे ढंग से करती है और उन्हें संस्कारी एवं शिक्षित बनाने में सफल रहती है |


3 - अगर यह रेखा गहरी एवं दोषमुक्त हो तो ऐसे व्यक्ति कर्तव्यनिष्ठ एवं स्वामी भक्त  होते है | ये ईमानदार एवं विश्वसनीय होते है |


4 - जब यह रेखा ह्रदय रेखा के साथ चलती हुई हाथ के दूसरे सिरे तक पहुंच जाए तो ऐसे  व्यक्ति प्रेम के मामलो में ईर्ष्यालु स्वभाव अपनाते है और प्रेम संबंधो में पड़ कर अपना जीवन स्वयं ही नष्ट कर लेते है | ये केवल स्वयं के विषय में ही सोचते है अपने साथी के दर्द को अनुभव नहीं करते और संवेदनशीलता इतनी की झूठी बात पर भी आत्महत्या कर ले |


5 - यदि मस्तिष्क रेखा झुक कर चंद्र पर्वत तक पहुंचे तो मानसिक रोग होने का भय रहता है |


6 - यदि यह रेखा ऊपर की ओर बढ़ने लगे तो व्यक्ति संत स्वभाव का होता है | यदि यह रेखा शनि पर्वत को स्पर्श कर ले तो व्यक्ति साधक या तांत्रिक भी हो सकता है | यदि यह रेखा सूर्य पर्वत को स्पर्श कर ले तो व्यक्ति कला एवं साहित्य का स्वामी होता है | बुद्ध पर्वत तक जाने वाली मस्तिष्क रेखा व्यक्ति को बुद्ध के गुण प्रदान करती है व्यक्ति सफल व्यापारी होता है |किन्तु यही बुद्ध इन्हे धन के मामले में अतिवादी बना देता है इनके साथ सांझेदारी महंगी पड़ सकती है |


7 - मस्तिष्क रेखा यदि गुरु पर्वत से आरम्भ हो तो व्यक्ति बुद्धिमान , साहसी , दृण निश्चयी एवं महत्वाकांक्षी होता है | लोग उसकी बातो से शीघ्र ही प्रभावित हो जाते है | यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा अलग अलग चले तो व्यक्ति के ये गुण नष्ट हो जाते है |


8 - यह रेखा यदि मंगल पर्वत से आरम्भ हो और जीवन रेखा से हट कर चले तो ऐसा व्यक्ति क्रोधी , असहनशील एवं झगड़ालू प्रवत्ति का होता है | यदि यह रेखा गहरी सीढ़ी एवं सपहत हो तो व्यक्ति बुद्धिमान एवं कलाकार होता है |


9 - यदि सीढ़ी ,स्पष्ट एवं गहरी रेखा के अंत में दो शाखाये हो और एक चंद्र पर्वत  पर जाए तथा दूसरी हाथ से बाहर निकल जाए तो व्यक्ति साहित्यकार एवं कवि होता है | यदि यह रेखा छोटी एवं सामान्य हो तो व्यक्ति बीएस खाने कमाने तक ही सीमित रहता है |


10 - यदि यह रेखा बहुत छोटी हो तो व्यक्ति की मृत्यु मानसिक आघात के कारण होती है | यदि यह शनि पर्वत के नीचे  खत्म हो तो व्यक्ति आकस्मिक दुर्घटना का शिकार हो जाता है |द्वीपों एवं शाखाओ युक्त मस्तिष्क रेखा मानसिक अस्वस्थता की परिचायक होती है |


11 - यदि ह्रदय रेखा और मस्तिष्क रेखा किसी शाखा के माध्यम से मिल जाए तो व्यक्ति को किसी वस्तु या व्यक्ति से अगाध प्रेम हो जाता है | यदि मस्तिष्क रेखा से छोटी छोटी रेखाएं निकल कर ह्रदय रेखा की ओर जाती दिखे पर ह्रदय रेखा को स्पर्श ना करे तो व्यक्ति धूर्त होता है और किसी वस्तु की प्राप्ति हेतु दिखावा एवं नाटक करता है |


12 - यदि कोई शाखा मस्तिष्क रेखा से निकल कर गुरु पर्वत तक जाए तो व्यक्ति जीवन में अपने कार्यो में सफल होता है | मस्तिष्क रेखा पर स्थित वर्ग संकट से रक्षा करता है |


13 - यदि मस्तिष्क रेखा एवं ह्रदय रेखा में दूरी बहुत कम हो तो व्यक्ति अपने ह्रदय का गुलाम बन जाता है | जो रेखा अधिक गहरी होगी उसका प्रभाव ही व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है | यदि ह्रदय रेखा गहरी हो तो व्यक्ति ह्रदय से अधिक सोचता है और दूसरो का ही ध्यान रखता चाहे उसका मन कुछ भी हो |


14 - जीवन  रेखा और मस्तिष्क रेखा के मध्य कम अंतर् जहाँ व्यक्ति को कुशल एवं आत्मविश्वासी बनाती है वही इनके मध्य अधिक अंतर निराशावादी एवं अहंकारी बनाता है |


15 - मस्तिष्क रेखा पर क्रास का चिह्न सर पर चोट लगने का संकेत देता है | यदि यह क्रास का चिह्न शनि पर्वत के नीचे हो तो विश्वासघात के कारण सर पर चोट लगने की संभावना प्रबल होती है | यदि सूर्य पर्वत के नीचे क्रास का चिह्न हो तो अचानक सर पर चोट लगने का भय रहता है | यदि यह चिह्न गुरु पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा पर हो तो अधिकार पूर्ण या शासकीय करने से सर पर चोट का भय रहता है |


16 - लहरदार एवं क्षीण मस्तिष्क रेखा व्यक्ति के मूर्ख होने की ओर इशारा करती है |
Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.