January 19, 2018 Blog

इस प्रकार सूर्य उपासना करने से मृत्यु  भय और रोग से मिलती है मुक्ति!

BY : STARZSPEAK

 लेखिका : रजनीशा शर्मा

वैदिककाल से ही हिन्दुओ में जल ,अग्नि , पृथ्वी , सूर्य ,चंद्र , नवग्रह आदि जीवनदायिनी तत्वों के पूजन का प्रचलन है | सभी  के पूजन का अपना अलग महत्व है जिनमे सूर्य को सर्वाधिक शक्ति का प्रतीक समझा जाता है | पुराणों में ऐसा वर्णित है की भगवान सूर्य की उपासना से कुष्ठ आदि जैसे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते है | भगवान सूर्य ऐसे देव है जो लोगो को जीवन शक्ति स्वयं प्रत्यक्ष हो कर देते है अन्य सभी देव बिना घोर तप के दर्शन नहीं देते | भगवान सूर्य प्रत्येक दिन सभी को बिना भेदभाव अपनी किरणों द्वारा ऊर्जा प्रदान करते है| भगवान सूर्य भगवान हनुमान जैसे परमशक्तिशाली व्यक्तित्व के गुरु है |

                      पुराणों के अनुसार जो भगवान सूर्य की उपासना करता है भगवान यम के दूत उसे यमलोक नहीं ले जाते वह यमलोक जाने का अधिकारी नहीं रहता उसकी आयु वृद्धि होती है और वह मनुष्य निरोगी जीवन व्यतीत करता  है | पुराणों के अनुसार भगवान सूर्य की नित्य प्रति उपासना करनी चाहिए | नित्य सूर्य  को अर्ध्य अवश्य दे | सर्वपर्थम प्रसूति के कारण ही इन्हे सूर्य कहा जाता है | सूर्य में क्षत्रियोचित गुण पाए जाते है | सूर्य की प्रथम किरण आसुरी सम्पत्ति एवं भौतिकता की सूचक है तो अंतिम अर्थात सातवीं किरण आध्यत्म की घोतक है भारत में भौगोलिक दशा के कारण सातवीं किरण गंगा यमुना के मध्य सबसे अधिक समय तक रहती है | इसी कारण भारत ज्ञान , अध्यात्म और शान्ति की धरती है यहाँ विश्व में सबसे अधिक ज्ञानी ऋषि एवं मनीषियों ने जन्म लिया है | भारत का ज्ञान एवं विज्ञानं विश्व में अतुलनीय है | सूर्य उपासना के लिए कुछ मंत्र इस प्रकार है -

 

1 - भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी है भगवान सूर्य की प्रसन्नता एवं शांति के सूर्य को नित्य अर्घ्य एवं हरिवंशपुराण का श्रवण करना चाहिए | इससे सूर्य दोष समाप्त होता है |

 

2 - इसके साथ ही माणिक्य भगवान सूर्य का रत्न माना गया है सूर्य से उत्पन्न परेशानिया को कम करने के लिए माणिक्य भी धारण किया जा सकता है  एवं गेहू , गुड़, तांबा , लाल वस्त्र ,सोना या गाय ब्राह्मण को दान करने से भी सूर्य से प्राप्त शक्ति में कई गुना वृद्धि होती है |

 

3 - पुराणों में वर्णित इस मंत्र से भगवान सूर्य कई उपासना करनी चाहिए इससे मनुष्य कई असाध्य रोगो से भी मुक्ति पा सकता है |

  ॐ एहि सूर्य सहस्रांशो तेजोराशे जगत्पते |

एक ताम्बे के लोटे में अक्षत,  रोली  एवं लाल पुष्प से नित्य प्रति इस मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए |

 

4 - इसके अतिरिक्त भगवान सूर्य के बीज मंत्र का भी जाप नित्य किया जा सकता है एक माला से इस मंत्र का जाप कम से कम ७००० बार करे -

बीज मंत्र - ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः |

सामान्य मंत्र - ॐ घृणि सूर्याय नमः |

इनमे से किसी एक मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए |

 

5 - भगववान सूर्य के बारह नामो का जाप करने से भी मनुष्य पाप और व्याधियों से मुक्त हो मोक्ष का अधिकारी होता है |

 आदित्य , भास्कर , सूर्य , अर्क , भानु , दिवाकर , सुवर्णरेता , मित्र ,प्रषा , त्वष्टा , स्वयंभू एवं तिरामिश |