रसोई में प्रयोग होने वाली पीली हल्दी के बारे में साधारणतया सभी जानते है लेकिन काली हल्दी के गुणों को हर कोई नहीं जानता ।
काली हल्दी का प्रयोग घाव को भरने के लिए, मोच ठीक करने के लिए तथा त्वचा सम्बन्धी समस्या होने पर किया जाता है। यह हमारे पाचन को ठीक रखने के साथ - साथ लीवर को ठीक रखता है तथा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है ।
काली हल्दी का प्रयोग टोटको के रूप में तथा तांत्रिक क्रियाओ में किया जाता है । जिन बच्चों को अक्सर नज़र लग जाती है उन्हें काले कपडे में काली हल्दी की गाठ को बांधकर बच्चे के सर पर से सात बार वार कर बहते जल में प्रवाहित करने से नज़र उतर जाती है, इसी तरह बार बार नज़र लगने पर या ज़्यादा बीमार हो तो काली हल्दी, मंदिर में हवन की विभूति को गोमूत्र में मिलाकर माथे व हृदय पर तिलक करने से नज़र व बीमारी से बचाव होता है ।
घर में धनवृद्धि करने के लिए गुरुपुष्ठ नक्षत्र में काली हल्दी को सिंदूर में रखकर लाल वस्त्र में कुछ सिक्को के साथ लपेटकर उसे बांध ले तथा उसे तिजोरी में रख दे, इसी प्रकार दिवाली के दिन काली हल्दी के साथ चाँदी के सिक्के को पीले वस्त्र में रखने से घर में लक्ष्मी माँ की कृपा होती है ।
जब किसी भी उपाय से बीमारी ठीक न हो तो महीने के पहले गुरुवार को आटे के पेड़े, गीली चने की दाल, गुड़ ,पीसी हुई काली हल्दी को उस पेड़े में दबाकर बीमार व्यक्ति के ऊपर से सात बार वार कर गाय को खिलाना चाहिए।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.