हिन्दू धर्म में हर क्रिया का अपना अलग ही महत्व होता है, जब कोई महिला गर्भ धारण करती है तो घर में उत्सव का माहौल होता है । आने वाले शिशु और महिला दोनों ठीक रहे इसके लिए अनेक नियम बनाए गए । आजकल लोग इसे दकियानूसी या अन्धविश्वास मानते है जो की ठीक नहीं है, इसके अपने वैज्ञानिक कारण होते है ।
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो गर्भवती महिला को उसके पास नहीं जाने देते इसके कई कारण है, जिस घर में व्यक्ति की मृत्यु होती है वहाँ का वातावरण शोकमय होता है । यदि महिला वहां जाएगी तो उसका नकारात्मक प्रभाव उसपर व आने वाले शिशु पर पड़ता है इसलिए वहां जाने की मनाही की जाती है ।
मृत व्यक्ति के शरीर से बैक्टीरिया तेजी से निकलते है जो महिला के शरीर में प्रवेश करके शिशु को अस्वस्थ कर सकते है इसलिए गर्भवती महिला को वहाँ नहीं जाने दिया जाता । गर्भवती महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उसे विषाणुओ से खतरा बढ़ जाता है ।
यदि मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखे तो महिला का मन बहुत कोमल होता है और वह दूसरे को देखकर अधिक व्याकुल हो जाती है, गर्भावस्था में वह भावनात्मक रूप से अधिक कमजोर महसूस करती है । ऐसी अवस्था में शोकाकुल परिवार में जाने से वह तनाव में आ सकती है जिसका विपरीत प्रभाव उसके शिशु पर हो सकता है ।
कभी - कभी मृत्यु किसी नजदीकी रिश्ते में होती है तो वहां अपवाद रूप से जाना आवशयक हो जाता है, ऐसे में गर्भवती महिला को कुछ महिलाओं के साथ कम समय के लिए जाने की अनुमति दी जा सकती है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.