प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है लेकिन कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी का अपना अलग ही महत्व है। इस को देवउठनी एकादशी व प्रबोधनी एकादशी के नाम से जाना जाता है । ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु चार माह के शयन के बाद इस दिन उठते है और उनका विवाह तुलसी जी के साथ होता है ।
इसी दिन से शुभ कार्य जैसे विवाह इत्यादि भी प्रारम्भ हो जाते है, ऐसी मान्यता है की भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय किये जाते है -
१) इस दिन मंत्रो का जाप किया जाता है तथा अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराया जाता है तथा उन्हें दान दक्षिणा दी जाती है जिससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते है ।
२) देवउठनी एकादशी की रात्रि को भजन आदि गाने चाहिए, सुभाषित स्त्रोत का पथ करना चाहिए, भगवत कथा इत्यादि सुनना शुभ होता है ।
३) यदि किसी व्यक्ति के कामो में रूकावट आ रही हो तो उन्हें विष्णु जी के मंदिर में बादाम व नारियल के गोले चढ़ाने से रुके काम जल्दी पूर्ण हो जाते है ।
४) भगवान विष्णु को खीर व सफ़ेद मिठाई बहुत पसंद है, तुलसी के पत्तो के साथ यदि यह विष्णु जी को एकादशी के दिन अर्पित की जाए तो धन की प्राप्ति होती है ।
५) सात कन्याओं को एकदशी के दिन घर पर बुला कर खीर के साथ भोजन कराने से जल्द ही नौकरी में प्रमोशन मिलता है ।
६) यदि आप विष्णु जी व लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना चाहते है तो दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु जी का अभिषेक करना चाहिए ।