आजकल आधुनिकता के युग में लोगों में घूमने तथा खाने - पीने का शौक विकसित हो रहा है, हर व्यक्ति चाहे देश हो या विदेश घूमने में दिलचस्पी रखता है इसीलिए बड़े - बड़े होटल खुलते जा रहे है । इसी वजह से आज होटल मैनेजमेंट का व्यवसाय प्रचलन में है, इस व्यवसाय में पैसा बहुत मिलता है । पहले के समय में खाना पकाना सिर्फ एक शौक होता है परन्तु आज इसने व्यवसाय का रूप धारण कर लिया है ।
होटल मैनेजमेंट का आकलन यदि हम कुंडली के माध्यम से करे तो हम पाएंगे की शुक्र, बुध, मंगल तथा शनि ग्रह तथा दशम भाव, लग्न भाव, द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव, तृतीय भाव और एकादश भाव का इस व्यवसाय में महत्वपूर्ण स्थान है ।
दशम भाव व्यवसाय भाव है तथा द्वितीय भाव वाणी का भाव है, इन दोनों का आपस में सम्बन्ध होना बहुत जरुरी है । यदि द्वितीय भाव का स्वामी लग्न में स्थित हो तो उस व्यक्ति की वाणी बहुत मधुर होती है और इस व्यवसाय में व्यक्ति का संपर्क अन्य लोगों से होता है । इसी प्रकार यदि ग्यारहवे भाव के स्वामी की युति चतुर्थ भाव के स्वामी के साथ हो तथा शुक्र का सम्बन्ध भी इस भाव पर बन रहा हो तो वह व्यक्ति इस व्यवसाय में सफलता हासिल करता है । दूसरे भाव, नवम भाव और एकादश भाव पर प्रभाव होना बहुत जरुरी है क्योकि यह तीनों धन भाव है ।
यदि मंगल, शुक्र, राहु तथा शनि का आपस में सम्बन्ध बने तो ये दर्शाता है की व्यक्ति इस व्यवसाय को अपनाएगा । यदि किसी कुंडली में तीसरे भाव का स्वामी स्वग्रही होकर नवम में स्थित हो तथा वह ग्रह लग्न भाव तथा दशम भाव पर अपनी शुभ दृष्टि डाले तो वह व्यक्ति इस व्यवसाय में सफलता की ऊँचाइयो को छूता है ।