September 30, 2024 Blog

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा कब है और क्या है पूजा का सही समय? इस दिन अन्नकूट का भोग क्यों लगाया जाता है ?

BY : STARZSPEAK

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की आराधना से जुड़ा हुआ है। गोवर्धन पूजा भारत के विभिन्न हिस्सों में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है, खासकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और गोवर्धन पर्वत की पूजा करके अन्नकूट महोत्सव मनाते हैं।


गोवर्धन पूजा 2024 की तारीख़ (Govardhan Puja 2024 Date)

साल 2024 में, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन को विशेष रूप से गोवर्धन पर्वत की पूजा और भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja Time) कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है, जो दीपावली के अगले दिन आती है। 


गोवर्धन पूजा मुहूर्त  (Govardhan Puja Muhurat)


प्रतिपदा तिथि प्रारंभ:     1 नवंबर 2024,
शाम 6:16 बजे

प्रतिपदा तिथि समाप्त:    2 नवंबर 2024, रात 8:22 बजे 

गोवर्धन पूजा मुहूर्त:        2 नवंबर को सुबह 6:15 बजे से  सुबह 8:32 बजे तक (स्थानीय समय के अनुसार)

गोवर्धन पूजा का महत्त्व (Importance of Govardhan Puja)

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का महत्त्व पौराणिक कथा और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ा हुआ है। इस दिन को मुख्य रूप से गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए मनाया जाता है, जिसका श्रीकृष्ण ने संरक्षण किया था और इसे देवताओं के राजा इंद्र के क्रोध से बचाया था।

कथा के अनुसार, जब भगवान इंद्र ने अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए गोकुल पर भारी बारिश कराई, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा की। इस घटना के बाद गोकुलवासियों ने इंद्र देव की पूजा छोड़कर गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा आरंभ की। यह पर्व इस कथा का प्रतीक है और हमें यह सिखाता है कि मानव जीवन में प्रकृति और धरती का महत्त्व सर्वोपरि है।

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के समय भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत का प्रतीक स्वरूप मिट्टी या गोबर से बनाए गए पर्वत की पूजा की जाती है। इस पूजा का उद्देश्य मानव जाति के पर्यावरण और प्रकृति के प्रति सम्मान और आभार को प्रकट करना है।

Govardhan Puja Images


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अन्नकूट की पूजा (Annakut Puja)


गोवर्धन पूजा का एक प्रमुख हिस्सा अन्नकूट की पूजा होती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग अर्पित किया जाता है। अन्नकूट का अर्थ है ‘अन्न का पहाड़’। इस पूजा के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के पकवान, मिठाइयाँ, और व्यंजन बनाए जाते हैं, और भगवान को अर्पित किए जाते हैं।

अन्नकूट पूजा का महत्त्व यह है कि यह समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से प्रसाद के रूप में अन्न का दान और वितरण किया जाता है। माना जाता है कि जो लोग इस दिन भगवान कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाते हैं, उन्हें समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

 

गोवर्धन पूजा की कथा (Story of Govardhan Pooja)


जब गोकुल के लोग इंद्र देव की पूजा करते थे, तब एक दिन श्रीकृष्ण ने उनसे कहा कि इंद्र देव को प्रसन्न करने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा की जानी चाहिए, क्योंकि वही उनकी असली सुरक्षा करते हैं। इस पर नाराज होकर इंद्र देव ने गोकुल पर भारी वर्षा कर दी। श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया और गोकुलवासियों को उस पर्वत के नीचे आश्रय दिया। इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने श्रीकृष्ण से माफी मांगी।

इस कथा से यह संदेश मिलता है कि प्रकृति की पूजा और संरक्षण मानव जीवन के लिए आवश्यक है। साथ ही, यह भगवान कृष्ण की शक्ति और उनके भक्तों के प्रति असीम करुणा का प्रतीक है।

 

गोवर्धन पूजा की धार्मिक क्रिया (Religious ritual of Govardhan Pooja)

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के दिन लोग अपने घरों के आँगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। इस पर्वत के साथ भगवान कृष्ण की प्रतिमा भी बनाई जाती है और दोनों की पूजा की जाती है। इस पूजा में खासतौर पर जल, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, और नैवेद्य का अर्पण किया जाता है। पूजा के दौरान गोवर्धन पर्वत की कथा का वाचन किया जाता है और भजन-कीर्तन भी होते हैं। 

 
गोवर्धन पूजा कैसे करें (How to Perform Govardhan Puja) 

  1. सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. अपने घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं।
  3. गोवर्धन पर्वत की आकृति के साथ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. दीप जलाएं, धूप दिखाएं और पुष्प अर्पित करें।
  5. गोवर्धन पूजा की कथा का श्रवण करें और भगवान से प्रार्थना करें।
  6. अन्नकूट के रूप में विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार करें और भगवान को अर्पित करें।
  7. पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और परिवार के साथ आनंद मनाएं।

गोवर्धन पूजा का संदेश (Message of Govardhan Puja)


गोवर्धन पूजा हमें प्रकृति के प्रति आभार और संरक्षण का संदेश देती है। यह पर्व भगवान कृष्ण की उस करुणा और शक्ति को दर्शाता है, जिसके माध्यम से उन्होंने अपने भक्तों की रक्षा की। गोवर्धन पूजा के दिन हम न केवल भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, बल्कि धरती और प्रकृति के महत्व को भी समझते हैं। 

गोवर्धन पूजा का आयोजन हमें सिखाता है कि हमें पर्यावरण और प्रकृति का सम्मान करना चाहिए और अपने जीवन में समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना चाहिए।


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