August 12, 2024 Blog

Mangla Gauri Vrat: कब है चौथा मंगला गौरी व्रत, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

BY : STARZSPEAK

मंगला गौरी व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों द्वारा मनाया जाता है। मान्यता है कि व्रत रखने से पति को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। वहीं कुंवारी लड़कियों को उनकी पसंद का वर मिलता है। इस लेख में जानिए मंगला गौरी व्रत से जुड़ी जानकारी।

Mangla Gauri Vrat: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन में पड़ने वाले सभी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने की परंपरा है। सनातन धर्म में मंगला गौरी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह त्यौहार माता गौरी को समर्पित है। मंगला गौरी व्रत के दिन विवाहित महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बनाए रखने के लिए देवी गौरी की पूजा करती हैं। आइए जानते हैं सावन के चौथे मंगला गौरी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। 

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mangla gauri vrat 2024
मंगला गौरी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार चौथा मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त को रखा जाएगा. चौथा मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जा रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक है।

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि

मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। अब चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति रखें. अब सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें। मंगला गौरी (Mangla Gauri Vrat) कथा पढ़ें या सुनें। इसके बाद जीवन में सुख-शांति की प्रार्थना करें। अब फल, मिठाई, हलवा और खीर आदि का भोग लगाएं. अंत में प्रसाद को लोगों में बांट दें. इस दिन दान करना शुभ माना जाता है।

मंगला गौरी व्रत में क्या खाना चाहिए 

मंगला गौरी व्रत के दौरान खान-पान के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। ऐसा माना जाता है कि नियमों का पालन न करने से साधक शुभ फल पाने से वंचित रह जाता है। मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat) के दौरान फल, दूध, दही, साबूदाने की खीर और साबूदाने की खिचड़ी का सेवन किया जा सकता है। 

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