हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि (Shani Jayanti) की स्थिति मजबूत होती है उसे जीवन में खूब तरक्की मिलती है। वहीं, अगर कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर हो तो व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि जयंती (Shani Jayanti) पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साढ़ेसाती के प्रभाव को कम किया जा सकता है। पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख और बांसुरी अर्पित करें। इसके साथ ही शनि जयंती पर हनुमान जी की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। शनि जयंती के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे शनिदेव की कृपा आप पर बनी रहती है।
शनि जयंती के दिन शनि मंदिर जाकर शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और सरसों का दीपक भी जलाएं। इसके साथ ही काले वस्त्र और तिल भी अर्पित करें। इस खास दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने और जल चढ़ाने से भी आप शनि (Shani Jayanti) के बुरे प्रभाव से राहत पा सकते हैं।
शनि जयंती (Shani Jayanti) के अवसर पर आप शनि देव की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इससे कुंडली में शनि मजबूत होता है -