हर ग्रह की अपनी अलग - अलग विशेषता होती है, यदि व्यवसाय की दृष्टि से देखे तो कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति, उसका बल, वह किस ग्रह के साथ सम्बन्ध बनाता है आदि पर निर्भर करता है ।
चन्द्रमा से सम्बंधित व्यवसाय जैसे की कपडा, सामुद्रिक पदार्थ, मनोरंजन, भूमि से सम्बंधित वस्तुएँ, खेती, सरकार से सम्बंधित कार्य, होटल व्यवसाय, मोती, सीपियाँ, दूध का उद्दोग, मछली उद्दोग इत्यादि होते है । यदि चन्द्रमा दशम भाव में वृषभ राशि में स्थित हो तो यह आयात तथा निर्यात का व्यवसाय देता है ।
चन्द्रमा जल तत्व राशि है यदि चतुर्थ भाव का स्वामी तथा अष्टम व बारहवे भाव के स्वामी का आपस में सम्बन्ध स्थापित हो तो वह व्यक्ति जल के कार्यो द्वारा जैसे मछली उद्दोग, जलसेना में कार्य करना, केमिकल का कार्य, शरबत बनाने का काम इत्यादि व्यवसाय कर सकता है ।
चन्द्रमा स्त्री ग्रह है, यदि इसका सम्बन्ध अन्य स्त्री ग्रहों जैसे शुक्र, बुध इत्यादि से बनता है तो व्यक्ति अभिनेता, कलाकार इत्यादि बन सकता है । चंद्र और बुध का सम्बन्ध हो तो व्यक्ति लेखक, संपादक, विज्ञापन कार्य, कपड़े का व्यापारी इत्यादि व्यवसाय कर सकता है ।
चन्द्रमा यदि शनि के साथ युति करे या उसे देखे तो विदेश में व्यवसाय का योग बनता है । यदि चंद्र और मंगल का सम्बन्ध बने तो व्यक्ति रिपोर्टर, रसायन, साबुन, प्लास्टिक इत्यादि का काम करता है ।
चंद्र और गुरु मिलकर ऐतिहासिक लेखक, राजनीति, विज्ञापन, पुस्तक विक्रेता का व्यवसाय देता है, शनि और चंद्र ज्योतिष, शिक्षक, कारखानों का मालिक, खदान का कार्य इत्यादि व्यवसाय देता है ।
इस प्रकार कुंडली में ग्रहों के आपस में सम्बन्ध और स्थिति के अनुसार व्यवसाय का निर्धारण होता है ।