How to apply tilak on Forehead: हिंदू धर्म में, किसी भी शुभ कार्यक्रम के दौरान पूजा अनुष्ठान में भगवान को अर्पित करके माथे पर तिलक लगाया जाता है और इसे तीसरी आंख या आज्ञा चक्र का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जो उच्च चेतना और आध्यात्मिक जागृति से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि तिलक पहनने से व्यक्ति परमात्मा से जुड़ सकता है और जागरूकता के उच्च स्तर तक पहुंच प्राप्त कर सकता है।
हिंदू धर्म में तिलक तीन प्रकार के होते हैं- वैष्णव तिलक (वैष्णव तिलक का महत्व), शैव तिलक और शाक्त तिलक। इन तीन प्रकार के तिलकों में कई संप्रदायों के अपने-अपने अलग-अलग तिलक होते हैं। वैष्णव तिलक वे लोग लगाते हैं जो भगवान विष्णु के अनुयायी हैं, भगवान शिव के शैव भक्त त्रिकुंड तिलक लगाते हैं। वहीं भगवती के भक्त शाक्त तिलक (How to apply tilak on Forehead) को बिंदी के रूप में लगाते हैं।
हिंदू धार्मिक तिलक में गर्दन, हृदय, दोनों भुजाएं, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि सहित शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है। मस्तिष्क पर तिलक लगाने का महत्व शास्त्रों में विस्तार से बताया गया है। अब तो वैज्ञानिक भी इस सिद्धांत को मानने लगे हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि माथे पर तिलक (What is the reason behind applying tilak?) लगाने से शांति मिलती है।
हिंदू धर्म के अनुसार अगर कोई किसी शुभ काम के लिए बाहर जाता है तो मध्यमा उंगली पर तिलक (Applying Tilak) लगाना शुभ माना जाता है। इससे उसका काम अच्छे से पूरा हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि मध्यमा उंगली का संबंध शनि ग्रह से होता है और शनि ग्रह सफलता का प्रतीक है।
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