हनुमान जी हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख देवताओं में से एक हैं। जिस तरह सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माना जाता है, उसी तरह मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान जी (Hanuman Jayanti) को समर्पित माना जाता है। हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है और इन दोनों ही जयंती का विशेष महत्व माना जाता है।

वाल्मिकी रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को स्वाति नक्षत्र में हुआ था। जो कि साल 2024 में है इसलिए इस तिथि को हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वहीं, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाली हनुमान जयंती के पीछे एक पौराणिक कहानी है।
पौराणिक कथा के अनुसार, बचपन में एक बार जब हनुमान जी को भूख लगी तो वे सूर्य को फल समझकर उसे खाने के लिए दौड़ पड़े। उसने सूर्य को निगलने का प्रयास किया, जिससे पृथ्वी पर अंधकार छा गया। जब इंद्रदेव को इस बात का पता चला तो उन्होंने हनुमान जी को रोकने के लिए अपने वज्र से उन पर प्रहार किया, जिससे हनुमान जी मूर्छित हो गये।
जब पवनदेव को इस बात का पता चला तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने संपूर्ण ब्रह्मांड की जीवन शक्ति को रोक दिया। जिससे पृथ्वी पर हाहाकार मच गया। तब ब्रह्माजी ने पवनदेव को शांत किया और हनुमान जी को जीवनदान दिया। मान्यता है कि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी को नया जीवन मिला था। यही कारण है कि हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Jayanti) के रूप में भी मनाया जाता है।
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