September 26, 2023 Blog

Karwa Chauth 2023 Date: इस साल सुहागिनें कब रखेंगी करवा चौथ का व्रत? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

BY : STARZSPEAK

Karwa Chauth 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ का बहुत महत्व है। पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। करवा चौथ का व्रत आपसी सौभाग्य और प्रेम के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि करवा चौथ का व्रत रखने और करवा माता की पूजा करने से अपार सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध होता है. आइए जानते हैं इस साल करवा चौथ की तारीख और इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में... 

करवा चौथ 2023 तिथि / Karwa Chauth 2023

इस वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 31 अक्टूबर दिन मंगलवार को रात्रि 9 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है और ये तिथि 1 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदय तिथि और चंद्रोदय के समय को ध्यान में रखते हुए करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा।

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Karwa Chauth

करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय / Karwa Chauth 2023

1 नवंबर को करवा चौथ वाले दिन चंद्रोदय 8 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं इस दिन शाम 5 बजकर 44 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।

करवा चौथ पर बन रहा शुभ संयोग / Karwa Chauth 2023

1 नवंबर को करवा चौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग का संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट रहेगा। इसके अलावा 1 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शिवयोग शुरू हो जाएगा। इन दोनों शुभ संयोग की वजह से इस साल करवा चौथ का महत्व और बढ़ गया है।

करवा चौथ की पूजा विधि / Karwa Chauth 2023
  • करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं।
  • फिर देवी-देवताओं की पूजा अर्चना करें और निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  • शाम के समय पुनः स्नान के बाद जिस स्थान पर आप करवा चौथ का पूजन करने वाले हैं, वहां गेहूं से फलक बनाएं और उसके बाद चावल पीस कर करवा की तस्वीर बनाएं।
  • इसके बाद आठ पूरियों की अठवारी बनाकर उसके साथ हलवा या खीर बनाएं और पक्का भोजन तैयार करें।
  • इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में पीले रंग की मिट्टी से गौरी कि मूर्ति का निर्माण करें और साथ ही उनकी गोद में गणेश जी को विराजित कराएं।
  • अब मां गौरी को चौकी पर स्थापित करें और लाल रंग कि चुनरी ओढ़ा कर उन्हें शृंगार का सामान अर्पित करें।
  • मां गौरी के सामने जल से भरा कलश रखें और साथ ही टोंटीदार करवा भी रखें जिससे चंद्रमा को अर्घ्य दिया जा सके।
  • इसके बाद विधि पूर्वक गणेश गौरी की विधिपूर्वक पूजा करें और करवा चौथ की कथा सुनें।
  • कथा सुनने से पूर्व करवे पर रोली से एक सतिया बनाएं और करवे पर रोली से 13 बिंदिया लगाएं।
  • कथा सुनते समय हाथ पर गेहूं या चावल के 13 दाने लेकर कथा सुनें।
  • पूजा करने के उपरांत चंद्रमा निकलते ही चंद्र दर्शन के उपरांत पति को छलनी से देखें।
  • इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर अपने व्रत का पारण करें।

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