September 26, 2023 Blog

Sankashti Chaturthi 2023: 2 अक्टूबर को है संकष्टी चतुर्थी, गणपति की पूजा से दूर होंगी विघ्न-बाधाएं

BY : STARZSPEAK

सूर्योदय से शुरू होने वाला संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है। इस दिन चंद्रमा को देखना भी शुभ माना जाता है।
Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी तिथियां होती हैं, एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। दक्षिण भारत में संकष्टी चतुर्थी को गणेश संकथरा या संकथरा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

Ganesh Chaturthi 2023

हिंदू शास्त्रों के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति बनी रहती है। घर की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन गणपति की पूजा करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इसकी तारीख और समय के बारे में...

संकष्टी चतुर्थी: तिथि एवं शुभ मुहूर्त / Sankashti Chaturthi 2023
  • संकष्टी चतुर्थी व्रत : सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
  • चतुर्थी तिथि : 2 अक्टूबर, शाम 7:36 बजे से 3 अक्टूबर की सुबह 6:11 बजे तक
  • चन्द्रोदय समय : 2 अक्टूबर, रात्रि 8:05 बजे
पूजन विधि / Sankashti Chaturthi 2023

संकष्टी चतुर्थी का व्रत नियमानुसार ही करना चाहिए, तभी इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है। नारद पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी पर पूरे दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर भगवान गणेश की मोदक, दूब, लड्डू, फूल आदि चढ़ाकर विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा शाम को चंद्रोदय के बाद करनी चाहिए। इस समय गणेश जी के साथ-साथ दुर्गा जी की फोटो या मूर्ति भी रखनी चाहिए, इस दिन दुर्गा जी की पूजा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्योदय के बाद शुरू होने वाला संकष्टी व्रत चंद्र दर्शन के बाद ही समाप्त होता है। साथ ही इस दिन चंद्रमा की पूजा करें और उन्हें जल, फूल, चंदन, चावल आदि से अर्घ्य दें। साथ ही शाम के समय संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा सुनें, इसके बाद आरती करें और सभी व्रत करने वालों को प्रसाद वितरित करें।

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